फाइल खंगाल रही निगरानी टीम

नप के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज किये गये हासिल सीवान : नगर पर्षद में एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट खरीद में 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार 63 रुपये के गबन के मामले की जांच करने पहुंची निगरानी टीम यहां फाइल खंगालने में जुटी है. टीम का नेतृत्व डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2016 7:09 AM
नप के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज किये गये हासिल
सीवान : नगर पर्षद में एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट खरीद में 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार 63 रुपये के गबन के मामले की जांच करने पहुंची निगरानी टीम यहां फाइल खंगालने में जुटी है. टीम का नेतृत्व डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह कर रहे हैं. टीम ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी जांच में कई अहम दस्तावेज हासिल किये.
मालूम हो कि वर्ष 2012 में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन प्रकाश के समय एलइडी, सोलर व हाइमास्ट खरीद में अनियमितता की बात सामने आयी थी. इसकी जांच पिछले फरवरी में जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने करायी. इसमें आरोप सही प्रतीत होने पर एक करोड़ से अधिक के घपला सामने आने पर निगरानी विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए लिखा गया था. इसी क्रम में गुरुवार को पटना से निगरानी टीम यहां जांच के लिए पहुंची है.
इसमें डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह के अलावा इंस्पेक्टर सत्यनारायण राम शामिल हैं. अब तक की जांच में आरोप से संबंधित कई महत्वपूर्ण अभिलेख निगरानी के हाथ लगने की बात कही जा रही है. हालांकि जांच टीम अभी इसका खुलासा करने के पक्ष में नहीं है. टीम के शनिवार को भी जांच जारी रखने की उम्मीद है. इसको लेकर कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. जांच टीम के आने की पुष्टि करते हुए कार्यपालक पदाधिकारी आरके लाल ने कहा कि इस संबंध में हम कोई जानकारी नहीं दे सकते. जांच निगरानी टीम कर रही है.
ऐसे में कोई अधिकृत जानकारी वहीं की टीम दे सकती है.
वार्ड पार्षद की शिकायत पर निलंबित हो चुके हैं इओ : नगर पर्षद के वार्ड पार्षद इंतिखाब अहमद की शिकायत पर निगरानी टीम मामले की जांच कर रही है. पूर्व में श्री अहमद ने लोकायुक्त से अनियमितता के तेरह बिंदुओं की शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी. इसमें लोकायुक्त की जांच में आरोप सही पाये जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश को निलंबित किया गया था. इस बीच निगरानी की जांच में आरोप सही पाये जाने पर तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई हो सकती है.

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