संवाददाता, सीवान. निजी विद्यालयों के बाद सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक भी अपार आइडी निर्माण मामले में लापरवाही कर रहे है. विभागीय निदेश के आलोक में उन्होंने अपार आइडी का निर्माण कार्य शुरू तो कर दिया, परंतु वह गति नहीं दे पाये हैं, हालात यह है कि प्रदेश स्तर पर सीवान 20.83 फीसदी के साथ 32 वें स्थान पर है.
इधर संबंध में डीपीओ एसएसए अशोक कुमार पांडे ने बताया कि अपार आइडी निर्माण में तेजी लाने के लिए विभाग ऐसे सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई करने जा रही है, जो अबतक 20 फीसदी से कम अपार आइडी का निर्माण कर सकें है. विभाग इनके भी वेतन में कटौती करने जा रहा है. ऐसे विद्यालयों की संख्या 909 बतायी जाती है. जबकि एक से 25 फीसदी अपार कार्ड का निर्माण करने वाले विद्यालयों की संख्या 1335 है. जिसमें सरकारी विद्यालयों की संख्या 1130 बतायी जाती है. बताते चलें कि जिले में 3222 विद्यालयों में अपार आइडी का निर्माण करना है.695 विद्यालयों में एक फीसदी से कम बना है अपार आइडी
एमआइएस प्रभारी मो गुलरेज अंसारी ने बताया कि एक फीसदी से कम अपार आइडी का निर्माण करने वाले विद्यालयों की संख्या 695 है. विभाग इनकी प्रगति शून्य मानकर चल रहा है. वहीं दूसरी ओर 788 विद्यालयों में 26 से 50 फीसदी, 343 विद्यालयों में 51 से 75 फीसदी व 61 विद्यालयों में 75 फीसदी से ऊपर अपार आईडी का निर्माण हो चुका है.21 फीसदी छात्रों का बन सका है अपार आइडी
एमआइएस प्रभारी ने बताया कि जिले में तकरीबन 21 फीसदी छात्रों का अपार आइडी बन चुका है. जिनकी संख्या 90 हजार से अधिक है. वर्ष 2023-24 में नामांकित 5 लाख 69 हजार 528 छात्रों को आधार मानते हुए अपार आइडी का निर्माण करना है. 2258 सरकारी विद्यालयों में 82 हजार से अधिक छात्रों का अपार आइडी बन चुका है. वैशाली है साथ प्रथम स्थान परअपार आईडी बनाने के मामले में सीवान तकरीबन 21 फीसदी के साथ राज्य में 32 वें पायदान पर है. वहीं वैशाली जिला 45.13 फीसदी के साथ प्रथम स्थान पर, मुंगेर 29.29 फीसदी के साथ दशवें स्थान पर, 25.40 फीसदी के साथ किशनगंज 20 वें स्थान पर व 16.50 फीसदी के साथ सहरसा अंतिम पायदान यानी 38 वें स्थान पर है. आकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश स्तर पर वर्ग एक से 12 वीं में नामांकित कुल एक करोड़ 66 लाख 37 हजार 637 छात्रों का अपार आइडी बनना है, जिसके आलोक में 44 लाख 44 हजार 322 यानी 26.71 फीसदी छात्रों का अपार आईडी बन चुका है.
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