3 करोड़ 85 लाख के गबन के मामले पटना से जांच करने पहुंची निगरानी टीम
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नप के सभापति से हुई पूछताछ
3 करोड़ 85 लाख के गबन के मामले पटना से जांच करने पहुंची निगरानी टीम सीवान : नगर पर्षद में 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार रुपये के गबन के मामले में पटना से पहुंची निगरानी की टीम ने गुरुवार को नगर सभापति बबलू प्रसाद सहित पूर्व सभापति अनुराधा गुप्ता सहित पूर्व व वर्तमान पार्षदों […]
सीवान : नगर पर्षद में 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार रुपये के गबन के मामले में पटना से पहुंची निगरानी की टीम ने गुरुवार को नगर सभापति बबलू प्रसाद सहित पूर्व सभापति अनुराधा गुप्ता सहित पूर्व व वर्तमान पार्षदों से घंटों पूछताछ की. दोपहर बाद शुरू हुई पूछताछ की कार्रवाई में कई अहम मुद्दों पर निगरानी ने सवाल जवाब किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार इन लोगों से पूछताछ के लिए बुधवार को ही निगरानी द्वारा नोटिस जारी किया गया था. नप के सूत्रों की मानें, तो निगरानी की इस कार्रवाई से कई अहम सुराग हाथ लगने के संकेत मिले हैं. नोटिस मिलने के बाद वर्तमान व पूर्व सभापतियों का चेहरा उड़ा हुआ था.
बताते चलें के नप में एलइडी, सोलर व हाई मास्ट लाइट की खरीद में हुए 3 करोड़ 85 लाख 43 हजार रुपये से अधिक के गबन के मामलें की जांच निगरानी की टीम कर रही है. दूसरे दौर की पूछताछ की कार्रवाई बुधवार से चल रही है. बुधवार को पटना से पहुंची निगरानी की टीम ने पहले फाइलों को खंगाला, फिर देर शाम में वर्तमान व पूर्व नप सभापति सहित अन्य वार्ड पार्षदों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया. वहां गुरुवार को पूछताछ की.
टीम का नेतृत्व डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह कर रहे हैं. जांच नगर पर्षद के उपसभापति के कार्यालय प्रकोष्ठ में चल रही है. एलइडी, सोलर व हाइमास्ट लाइट की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत वार्ड पार्षद इंतखाब अहमद ने की थी. इसके बाद लोकायुक्त की जांच में आरोप सही पाये जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश को निलंबित किया गया था.
मालूम हो कि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन प्रकाश के समय खरीदे गये एलइडी, सोलर व हाइमास्ट खरीद में अनियमितता की बात सामने आयी थी. इसकी जांच पिछले दिनों जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा करायी गयी थी. एक करोड़ से अधिक का घपला सामने आने के बाद निगरानी विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था.
इसी क्रम में पटना से निगरानी टीम यहां जांच कर जांच कर रही है. इसमें डीएसपी एनके सिंह व श्रीनारायण सिंह के अलावा इंस्पेक्टर सत्यनारायण राम शामिल हैं. जांच में कई महत्वपूर्ण अभिलेख निगरानी के हाथ लगने की बात कही जा रही है. हालांकि जांच टीम ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. लोकायुक्त की जांच के बाद आरोप सही पाये जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश को निलंबित किया गया था. इधर, जांच के दौरान कार्यालय प्रकोष्ठ में नगर कार्यपालक पदाधिकारी आरके लाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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