कैदी हरन ने खोली प्रशासनिक लापरवाही की पोल

सीवान : सीवान मंडल कारा के एक विचाराधीन बंदी हरिकृष्ण प्रसाद की मौत उपचार के अभाव में जेल में ही हो गयी, इस बात का दावा जेल अस्पताल में भरती दूसरे कैदी हरन सिंह ने किया. हरिकृष्ण प्रसाद की मौत के बाद करीब आठ बजे सुबह उसे सीने में दर्द होने की शिकायत पर उसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2016 4:21 AM

सीवान : सीवान मंडल कारा के एक विचाराधीन बंदी हरिकृष्ण प्रसाद की मौत उपचार के अभाव में जेल में ही हो गयी, इस बात का दावा जेल अस्पताल में भरती दूसरे कैदी हरन सिंह ने किया. हरिकृष्ण प्रसाद की मौत के बाद करीब आठ बजे सुबह उसे सीने में दर्द होने की शिकायत पर उसे सदर अस्पताल में भरती किया गया. हरन सिंह ने बताया कि सोमवार की रात करीब दस बजे हरिकृष्ण प्रसाद को सीने में दर्द होने की शिकायत पर जेल अस्पताल में भरती किया गया. उसने बताया कि हमारे बेड के करीब चार बेड बाद वह था. एक कंपाउंडर-सा दिखने वाले व्यक्ति ने उसे कुछ दवा दी, जो जेल में उपलब्ध है.

बगल के बेड खाली होने पर रात करीब तीन बजे हरिकृष्ण सिंह बगल के बेड पर आया तथा थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गयी. उसने बताया कि थोड़ी ही देर में पुलिस वाले आये तथा लाश को लेकर चले गये. उसने बताया कि वह हत्या के मामले में करीब छह माह से जेल में बंद है. हार्ट का मरीज होने के बाबजूद जेल प्रशासन द्वारा उसे दवा उपलब्ध नहीं करायी जाती. मृत बंदी के पुत्र ने कहा कि उसके पिता की मौत की सूचना जेल प्रशासन ने नहीं दी.मृत बंदी हरिकृष्ण प्रसाद का पुत्र पिंटु आंदर प्रखंड के वार्ड संख्या छह का बीडीसी सदस्य है.उसने बताया कि दो दिनों पूर्व ही उसने अपने पिता से मुलाकात कर गया था. उसके पिता स्वस्थ थे. किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी.

उसने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसके पिता की तबीयत खराब होने या मौत की अाधिकारिक सूचना नहीं दी गयी.

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