पतंगों का मूल्य प्लेन बड़ी पतंगतीन रुपये प्रति

तसवीर वाली पतंगपांच से 10 रुपये प्रति छोटी पतंगदो रुपये प्रति लटाई साधारण15 रुपये प्रति धागा वाला सूता मंझा हुआ50 से 500 रुपये प्रति केवल सादा धागा10 से 20 रुपये प्रति दरौंदा :मकर संक्रांति को ले पतंग खरीदने की होड़ बच्चों में आरंभ हो गयी है़ बच्चे इस पारंपरिक खेल के प्रति काफी उत्साहित नजर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2017 4:42 AM

तसवीर वाली पतंगपांच से 10 रुपये प्रति

छोटी पतंगदो रुपये प्रति
लटाई साधारण15 रुपये प्रति
धागा वाला सूता मंझा हुआ50 से 500 रुपये प्रति
केवल सादा धागा10 से 20 रुपये प्रति
दरौंदा :मकर संक्रांति को ले पतंग खरीदने की होड़ बच्चों में आरंभ हो गयी है़ बच्चे इस पारंपरिक खेल के प्रति काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पहले बच्चे अपने घरों में ही स्वयं पतंग बनाकर व धागे का मंझा कर पतंग उड़ाने का आनंद लेते थे़ लेकिन, समय के अनुसार इसमें भी बदलाव आया है़ आज के बदलते परिवेश में सब कुछ रेडिमेड हो गया है़ पिछले दो दशकों से इसमें काफी बदलाव देखा जा रहा है़ मूल रूप से इसे ग्रामीण परिवेश का खेल माना जाता था़ लेकिन, इसका विस्तार शहरी क्षेत्रों में हुआ है़ परिणाम है कि अब इसका समय भी निर्धारित हो गया है और यह मकर संक्रांति का खेल बन कर रह गया है़
कार्टून कैरेक्टर वाले पतंग की है मांग : बाजारों में पतंगों पर स्पाइडरमैन जैसे सुपर हीरो व फिल्मी हिरोइनों की तसवीर के साथ नाम लिखी पतंग बच्चों की पहली पसंद बनी हुई है़ अब धागे को मंझा करने की जरूरत नहीं होती़ मंझा किया हुआ धागा भी बाजारों में आसानी से उपलब्ध है़
क्या कहते हैं विक्रेता : दरौंदा प्रखंड के स्टेशन रोड के विक्रेता प्रवीण कुमार व बगौरा नई बाजार के विक्रेता कुमार चौरसिया बताते हैं कि पतंगों व लटाई का निर्माण पटना व बिहारशरीफ के साथ गया में व्यापक पैमाने पर होता है़ धागा वाराणसी से मंगाया जाता है़ जैसे-जैसे मकर संक्रांति का पर्व नजदीक आते जा रहा है पतंगों की मांग बढ़ती जा रही है़ पिछले वर्ष की अपेक्षा मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है़

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