आधे पर आया राजस्व लापरवाही बीएसएनएल की लचर व्यवस्था से उपभोक्ता परेशान
सीवान : कनेक्टिंग इंडिया का नारा देने वाले बीएसएनएन की टेलीफोन सेवा से अब लोगों को मोहभंग होने लगा है.करीब एक दशक पहले बीएसएनएल की टेलीफोन व मोबाइल सेवा को प्राप्त करने के लिए लोगों को पैरवी लगानी पड़ती थी. उस समय बीएसएनएल का सिम कालाबाजार में मुंहमांगे दामों पर बिकता था. उस समय बीएसएनएल […]
सीवान : कनेक्टिंग इंडिया का नारा देने वाले बीएसएनएन की टेलीफोन सेवा से अब लोगों को मोहभंग होने लगा है.करीब एक दशक पहले बीएसएनएल की टेलीफोन व मोबाइल सेवा को प्राप्त करने के लिए लोगों को पैरवी लगानी पड़ती थी. उस समय बीएसएनएल का सिम कालाबाजार में मुंहमांगे दामों पर बिकता था. उस समय बीएसएनएल की मासिक आय करीब एक करोड़ से भी अधिक थी.आज के समय में बीएसएनएल की आय करीब पचास लाख पर आकर सिमट गयी है.
अन्य प्राइवेट कंपनियों से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बाद बीएसएनएल द्वारा बेहतर सेवा नहीं दी जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक सीवान में बीएसएनएल के करीब डेढ़ लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं. वहीं बीएसएनएल की प्रतिद्वंद्वी कंपनी एयरटेल के करीब 11 लाख मोबाइल उपभोक्ता हैं.
जर्जर हो गये शहर के टेलीफोन केबल
बीएसएनएल द्वारा शहर में बिछाये गये टेलीफोन केबल सुनियोजित तरीके से नहीं बिछाये गये हैं. इसके कारण हमेशा जब भी शहर में कोई निर्माण कार्य के लिए खुदाई होती है, तो टेलीफोन के केबल कट जाते हैं. इसके अलावा टेलीफोन विभाग द्वारा कई मोटे केबल को पोल के सहारे रखा गया है. इन केबलों को जमीन के अंदर होना चाहिए. किसी भी ओएफसी को कम-से-कम दो फुट जमीन के अंदर बिछाना है, लेकिन शहर की कई जगहों पर देखने को मिलता है कि विभाग पोल व मकान के सहारे ओएफसी का उपयोग कर रहा है.
केबलों के कटने के कारण ही आंदर ढाला टेलीफोन एक्सचेंज के करीब 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अपने कनेक्शन को कटवा लिया है. विभाग ने शहर के विभिन्न थानों में केबल कटने के करीब दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराये हैं.
बराबर लिंक फेल होने से परेशान रहते हैं उपभोक्ता
सीवान शहर में हमेशा बीएसएनएल का लिंक फेल होने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं. महीने में ऐसा कोई दिन नहीं रहता है जब उपभोक्ताओं को परेशानी नह हो. कभी-कभी तो दो-तीन दिनों तक बेसिक व मोबाइल फेल रहता है. बीएसएनएल के अधिकारियों ने रघुनाथपुर-मांझी होकर एक नया केबल डाला, लेकिन वह भी शुरू से ही पूरी तरह बेहतर सेवा देने में फेल रहा. सीवान व गोपालगंज का कंट्रोल छपरा से होता है. इस कारण सीवान-छपरा के बीच केबल कटने से दोनों जिलों में टेलीफोन सेवा फेल हो जाती है. शहर में चार टेलीफोन एक्सचेंज हैं, जिनकी क्षमता करीब 11 हजार लैंड लाइन कनेक्शन देने की है. लेकिन सीवान शहर में करीब 3700 लैंड लाइन के उपभोक्ता है. इसमें से 12 सौ उपभोक्ताओं ने ब्रॉड बैंड सेवा ली है. शहर में वैसे ही उपभोक्ताओं ने लैंड लाइन कनेक्शन लिया है, जिनको नेट चलाना है. वैसे सरकारी दफ्तरों में अभी भी बीएसएनएल का ही लैंड लाइन फोन है.
नेटवर्क की समस्या को दूर होने का हो रहा है प्रयास
2006 में मोबाइल व टेलीफोन सेवा महंगी थी. इस कारण राजस्व उस समय अधिक था. उपभोक्ताओं की संख्या घटी है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है. अन्य कंपनियों से हमारी अच्छी आधारभूत संरचना है. हम लोग नेटवर्क की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.
विद्यानंद,महाप्रबंधक,बीएसएनएल,सारण