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फाइलों तक सिमटा निबंधन का काम

चिंताजनक. वर्ष 2011 में कोचिंग संस्थानों के दिये गये आवेदन पर सुनवाई नहीं 31 जनवरी निबंधन की थी अंतिम तिथि 211 ने पंजीयन के लिए दिया था आवेदन एक का भी अब तक नहीं हो सका निबंधन सीवान : बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 के लागू हुए अरसे बाद भी जिले में एक भी कोचिंग […]

चिंताजनक. वर्ष 2011 में कोचिंग संस्थानों के दिये गये आवेदन पर सुनवाई नहीं

31 जनवरी निबंधन की थी अंतिम तिथि
211 ने पंजीयन के लिए दिया था आवेदन
एक का भी अब तक नहीं हो सका निबंधन
सीवान : बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 के लागू हुए अरसे बाद भी जिले में एक भी कोचिंग संस्थान का अब तक निबंधन नहीं हो सका है. कोचिंग संस्थानों की बढ़ती मनमानी पर नकेल कसने के लिए 30 मार्च, 2010 को सरकार ने बिहार कोचिंग रेगुलेशन एक्ट पारित किया था. लेकिन, इसे प्रशासनिक नाकामी कहें या कुछ और जिले में इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है. अधिनियम के लागू होने के दौरान कोचिंग संचालकों में हड़कंप मचा था.
संचालक निबंधन कराने के लिए दफ्तर का चक्कर लगाते रहे. लेकिन, धीरे-धीरे स्थिति ऐसी बनी कि जिम्मेवार अधिकारियों ने सरकार के इस कानून को फाइलों में कैद कर दिया. इस बीच यदि कुछ नहीं रुका, तो वह है छात्रों का शोषण. मामले में प्राइवेट कोचिंग यूनियन के अध्यक्ष शिवजी प्रसाद का कहना है कि पूर्व में दिये गये आवेदन व उस पर विचार नहीं करने का नतीजा रहा है कि शेष कोचिंग संस्थानों ने आवेदन ही नहीं दिया. इनका कहना है कि अब भी संस्थानों को संदेह है कि आवेदन के बाद निबंधन मिलेगा या नहीं. एक्ट के तहत तीन वर्ष बाद रिन्यूअल का प्रावधान है.
छोटे-बड़े मिला कर 750 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं जिले में
ये हैं प्रावधान
एक्ट के तहत कोचिंग संस्थान को निबंधन के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठन का प्रावधान है. कमेटी में जिला शिक्षा पदाधिकारी को सदस्य सचिव की जिम्मेवारी दी गयी है. पुलिस अधीक्षक एवं अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य को सदस्य बनाया जाना है. एक्ट के अनुसार, डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी निबंधन शर्तों के आधार पर जांचोपरांत आवेदित तिथि से 30 दिनों के भीतर निबंधन प्रमाणपत्र निर्गत करेगी.
यह है जिले की स्थिति
जिले में लगभग छोटे-बड़े मिला कर 750 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं. इसमें बड़े कोचिंग संस्थानों की संख्या 250 से अधिक है. इनमें अधिकतर शहर में संचालित कोचिंग संस्थान हैं. एक माह पूर्व शिक्षा मंत्री डाॅ अशोक चौघरी ने कोचिंग संस्थानों की मिल रहीं लगातार शिकायतों के अालोक में 31 जनवरी तक निबंधन कराने की बात कही थी. परंतु, अब तक एक भी संस्थान को निबंधित नहीं किया जा सका है. हालांकि इसके लिया आवेदन की प्रक्रिया जारी है. इससे पूर्व वर्ष 2011 में एक्ट लागू होने के बाद 211 कोचिंग संस्थानों द्वारा जिला पदाधिकारी के नाम से पांच हजार रुपये का ड्राफ्ट आवेदन के साथ विकास शाखा में जमा किया गया था. परंतु, इस मामले में न तो संस्थानों की जांच हुई और न ही किसी को पंजीयन दिया जा सका. निबंधन के लिए वैसे संस्थानों को आवेदन देना है, जहां 10 से अधिक छात्र कोचिंग प्राप्त करते हैं. जिले में करोड़ों का कारोबार हर साल का है.
एक्ट के तहत ये हैं मानक
कोचिंग एक्ट में कोचिंग संचालन के लिए कई बुनियादी प्रावधान किये गये हैं. मसलन कोचिंग संस्थान का क्षेत्रफल, पाठ्यचर्या, नामांकन फीस, निबंधन फीस, पाठ्यक्रम पूर्ण की अवधि, शिक्षक की शैक्षणिक योग्यता, उपस्कर की स्थिति, विद्युतीकरण, शुद्ध पेयजल, शौचालय, स्वच्छता, अग्निशमन, चिकित्सा सुविधा, पार्किग की व्यवस्था.

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