आपसी वर्चस्व में अब तक हो चुकी हैं तीन हत्याएं

दरौंदा : करीब एक दशक पूर्व की अदावत में पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव व भतीजे अजय यादव की हत्या कर दी गयी. इसके पहले भी पूर्व मुखिया पर वर्ष 2014 मे जानलेवा हमला हुआ था. उस वक्त पूर्व मुखिया बाल-बाल बच गये थे. उसके सहोदर भाई दिलीप यादव की जान चली गयी थी. बताते चलें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2017 11:52 PM

दरौंदा : करीब एक दशक पूर्व की अदावत में पूर्व मुखिया हरेंद्र यादव व भतीजे अजय यादव की हत्या कर दी गयी. इसके पहले भी पूर्व मुखिया पर वर्ष 2014 मे जानलेवा हमला हुआ था. उस वक्त पूर्व मुखिया बाल-बाल बच गये थे. उसके सहोदर भाई दिलीप यादव की जान चली गयी थी. बताते चलें कि डीबी गांव निवासी कुख्यात अपराधी चंदन कुमार सिंह से पूर्व मुखिया की पिछले 10 वर्षों से खुन्नस है. हरेंद्र जब वर्ष 2001 में पकड़ी पंचायत का मुखिया निर्वाचित हुए थे,

तब चंदन उसका शागिर्द रहा. बाद में किसी बात को लेकर दोनों के बीच मतभेद हो गया. तब कुख्यात चंदन ने 2014 में अपने रिश्तेदार महुअल-महाल निवासी अमरजीत सिंह की मदद से पूर्व मुखिया के घर गोलीबारी की. इस घटना में हरेंद्र की भाई की जान चली गयी थी. इस मामले में पूर्व मुखिया ने चंदन व अमरजीत को आरोपित किया था.

बताते चलें कि पुलिस ने जनवरी, 2015 में सिसवन थाना क्षेत्र के नंदा मुड़ा गांव में छापेमारी कर चंदन को भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अमरजीत अपनी पहुंच के बुते पुलिसिया कार्रवाई से बचता रहा. एक वरीय पुलिस अधिकारी ने अमरजीत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसी बीच मंगलवार की सुबह एमएलसी शिव प्रसन्न यादव से मिलने जाने के क्रम में हथियार से लैस अपराधी गिरोह ने पूर्व मुखिया व भतीजे अजय यादव की गोली मार कर कर मौत की घाट उतार दिया. पूर्व मुखिया के परिजनों का आरोप है कि वर्ष 2014 में हुए दिलीप हत्याकांड के आरोपितों के विरुद्ध यदि पुलिस ने कार्रवाई की होती, तो पूर्व मुखिया की जान बच सकती थी.

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