दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंची आलू की कीमत

लागत से कम में किसान बेच रहे आलू सीवान/महाराजगंज : किसान कभी मौसम की मार का खामियाजा भुगतते हैं, तो कभी अनुकूल मौसम भी इनके लिए आफत साबित होता है. इस बार आलू की फसल के लिए अनुकूल मौसम के चलते कीमत काफी नीचे गिर गयी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अनुकूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2017 12:17 AM

लागत से कम में किसान बेच रहे आलू

सीवान/महाराजगंज : किसान कभी मौसम की मार का खामियाजा भुगतते हैं, तो कभी अनुकूल मौसम भी इनके लिए आफत साबित होता है. इस बार आलू की फसल के लिए अनुकूल मौसम के चलते कीमत काफी नीचे गिर गयी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अनुकूल मौसम के चलते किसानों के सिर पर ओला पड़ गया है. कई स्थानों पर लागत से भी कम दाम में किसान आलू बेचने को मजबूर हो रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, आलू के लिए इस बार का मौसम अनुकूल रहा है.
पाला अधिक पड़ने से सबसे अधिक आलू का पैदावार बाधित होता है. इस बार कम पाला पड़ने से बेहतर उत्पादन रहा. इसका पूर्व में किसानों को अनुमान नहीं था. अनुमान के मुताबिक, बाजार में आलू 500 रुपये से लेकर 650 रुपये क्विंटल की दर से थोक भाव में बिक रहे हैं. उधर, किसान 200 रुपये से 250 रुपये क्विंटल की दर से बेचने को मजबूर हैं.
ऐसे में बाजार में खुदरा सात से आठ रुपये किलो की दर से आलू बिक रहा है. बीते 10 साल में अब तक का सबसे कम दाम किसानों को आलू के मिल रहे हैं. बावजूद इसके बाजार में खरीदार नदारद हैं. इन हालात में बेहतर खेती व उन्नत पैदावार करने के बावजूद किसानों की पूंजी डूब रही है इसके साथ ही किसानों की आर्थिक कमर भी टूट रही है.
जिले में हुआ 1920 टन आलू का उत्पादन : आलू की पैदावार इस बार जिले में तकरीबन 1920 टन रहा है. विभाग ने तकरीबन 160 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू बोआई का लक्ष्य रखा था. इसके अनुसार उत्पादन अनुमान से अधिक रहा है. कृषि विभाग के मुताबिक, प्रति हेक्टेयर औसतन 10 टन आलू का उत्पाद हुआ है. एक हेक्टेयर आलू की बोआई में किसानों के 18 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक की लागत आयी है. ऐसे में किसानों के लिए आलू की खेती घाटे का सौदा साबित हुआ है.
भंडारण का अभाव पड़ रहा भारी:
सरकार की घोषणा के बाद भी जिले में भंडारण के लिए शीतगृह का अभाव है. विभाग के मुताबिक मात्र चार भंडार गृह मौजूद हैं. किसानों के पास भंडारण के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण ये आलू औने-पौने दाम में किसान बेचने का मजबूर हैं. इसका लाभ बिचौलिये उठा रहे हैं.
लक्ष्य से अधिक हुआ उत्पादन
आलू के लिए मौसम अनुकूल रहने से इस बार उत्पादन लक्ष्य से अधिक हुआ है. इस कारण अचानक आलू के दाम में तेजी से गिरावट हुई है. इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
रमेश कुमार साह, जिला उद्यान पदाधिकारी, सीवान

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