24 कॉशनों ने ट्रेनों की रफ्तार रोकी

सतर्कता. 120 किमी में कहीं रेल ट्रैक पर गिट्टी की कमी, तो कहीं पर ट्रैक के कमजोर होने की है सूचना प्रतिदिन करीब आधा दर्जन कॉशन रोज बदलने से परिचालन में होती है परेशानी विलंब से चलीं कई ट्रेनें सीवान : सीवान से गोरखपुर स्टेशन की दूरी 120 किलोमीटर है. लेकिन, दोनों स्टेशनों के बीच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2017 12:21 AM

सतर्कता. 120 किमी में कहीं रेल ट्रैक पर गिट्टी की कमी, तो कहीं पर ट्रैक के कमजोर होने की है सूचना

प्रतिदिन करीब आधा दर्जन कॉशन रोज बदलने से परिचालन में होती है परेशानी
विलंब से चलीं कई ट्रेनें
सीवान : सीवान से गोरखपुर स्टेशन की दूरी 120 किलोमीटर है. लेकिन, दोनों स्टेशनों के बीच ट्रेनों का परिचालन 24 कॉशनों के बीच होने से ट्रेनों की रफ्तार पर एक तरह से ब्रेक लग गया है. सीवान-गाेरखपुर रेलखंड पर वैशाली, बिहार संपर्क क्रांति, गरीब रथ और नाहरलुंग से नयी दिल्ली को जाने वाली एसी सुपर फास्ट जैसी ट्रेनें चलती हैं.
रेल द्वारा उचित रखरखाव नहीं किये जाने के कारण 120 किलोमीटर की दूरी में 24 कॉशनों पर ट्रेन के चालकों को सावधानी बरतते हुए ट्रेनों की रफ्तार कम करनी पड़ती है. रेल द्वारा जो 24 कॉशन दिये गये, उनमें कहीं ट्रैक पर गिट्टी कम होने, कहीं पर ट्रैक कमजोर होने, तो कहीं पर स्लीपर कमजोर होने की बात बतायी गयी है. कुछ कॉशनों पर निर्माण कार्य भी हो रहा है.
सीवान व गोरखपुर के बीच प्रतिदिन कॉशनों की संख्या व उनका स्थान बदलता रहता है. कभी यह घट कर 17 हो जाता है, तो कभी बढ़ कर 28 हो जाता है. रेलवे द्वारा यात्रियों को सुविधा देने के नाम पर ट्रेनों की स्पीड के हिसाब से टिकटों का रेट निर्धारण तो किया जाता है. लेकिन, वास्तव में इसका लाभ यात्रियों को नहीं मिल पाता है. रेल द्वारा एक तरफ जहां बुलेट ट्रेन जैसी तीव्र गति की ट्रेन चलाये जाने की बात कही जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सुपर फास्ट ट्रेनें ट्रैक की गड़बड़ी के कारण अपनी निर्धारित गति से नहीं चल रही हैं. सीवान व छपरा के बीच भी
करीब चार कॉशन ओर सीवान थावे के बीच तीन कॉशन हैं, जहां ट्रेन के चालकों को सावधानियां बरतते हुए अपनी ट्रेनों की रफ्तार को कम करनी पड़ती है.
स्टेशन अधीक्षक सुरेश चंद्र गिरि ने कहा कि ऊपर से जैसा निर्देश मिलता है, हम उसका पालन करते हैं. यह बात सही है कि सीवान व गोरखपुर के बीच करीब 24 कॉशन हैं. कॉशन के कारण ट्रेनों की रफ्तार कम हो गयी है.

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