अपहरण व हत्या मामले में देवर-भाभी को मिली सजा
सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने मंगलवार को 13 वर्षीया एक लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में आराेप सिद्ध होने पर आराेपित देवर व भाभी को 10 वर्षों की सजा व 25 हजार का अर्थ दंड लगाया है. अर्थदंड की राशि में 15 हजार रुपये पीड़ित […]
सीवान : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत ने मंगलवार को 13 वर्षीया एक लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में आराेप सिद्ध होने पर आराेपित देवर व भाभी को 10 वर्षों की सजा व 25 हजार का अर्थ दंड लगाया है. अर्थदंड की राशि में 15 हजार रुपये पीड़ित परिवार को देने का आदेश दिया है. पचरुखी थाने के तिलौता रसूलपुर निवासी एक नाबालिग लड़की का अपहरण 8 मई, 2014 को गांव के ही सद्दाम अंसारी, शबनम खातून, राजिद मियां, मुनी खातून व निमाजन खातून ने कर लिया था. मामले में इनको आरोपित करते हुए महिला थाने में उसकी मां ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
उसने सद्दाम अंसारी व शबनम खातून को मोटरसाइकिल से अपहरण कर लेने का आरोप लगाया था. इसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साक्ष्य के अभाव में जहां रोजिद मियां, मुन्नी खातून व निमाजन खातून को बरी कर दिया. वहीं, सद्दाम अंसारी व शबनम खातून को 10-10 वर्षों की सजा सुनायीं. दोनों को पॉक्सो के तहत 10 वर्ष तथा अपहरण मामले में पांच वर्षों की सजा सुनायी है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. साथ ही दोनों को 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
इसमें से 15 हजार रुपये पीड़ित परिवार को देय होगा. अभियोजन की ओर से विशेष अभियोजक ललन राम व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह ने बहस की.