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हत्या की एक घटना में दर्ज हुए दो मुकदमे

विडंबना. एक ही थाने में दर्ज दोनों मुकदमों में है एक ही आरोपित एक ही एसडीपीओ ने किया दोनों मुकदमों का पर्यवेक्षण सीवान : जिले में कभी-कभी अजीबोगरीब मामले उजागर होते हैं. डेढ़ वर्ष पूर्व एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत होती है. इसमें पुलिस कार्रवाई के दौरान हत्या व जानलेवा हमले की अलग-अलग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2017 3:30 AM

विडंबना. एक ही थाने में दर्ज दोनों मुकदमों में है एक ही आरोपित

एक ही एसडीपीओ ने किया दोनों मुकदमों का पर्यवेक्षण
सीवान : जिले में कभी-कभी अजीबोगरीब मामले उजागर होते हैं. डेढ़ वर्ष पूर्व एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत होती है. इसमें पुलिस कार्रवाई के दौरान हत्या व जानलेवा हमले की अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज होती है. दोनों मामलों के सूचक अलग-अलग पर अनुसंधानकर्ता एक बनाये जाते हैं. इसके बाद भी अपनी लापरवाही को पुलिस गुजरे डेढ़ वर्ष बाद भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है. लिहाजा कोर्ट में दोनों दर्ज मामलों में अलग-अलग सुनवाई जारी है. यह अजीबोगरीब वाकया जिले के जीरादेई थाना क्षेत्र के ककरघटी गांव के अनुप यादव से जुड़ा है. राजेंद्र यादव के 13 वर्षीय पुत्र अनूप की वर्ष 2015 के आठ सितंबर को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो जाती है.
घटना के दूसरे दिन सुबह साढ़े छह बजे सदर अस्पताल में राजेंद्र यादव के फर्द बयान पर पुलिस मैरवा थाने में प्राथमिकी दर्ज करती है. इसमें कांड संख्या 132/15 के तहत अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होता है. इसी दिन सदर अस्पताल में सुबह 9.45 बजे मृतक के दोस्त कहे जानेवाले दरौंदा थाने के पिनरथु निवासी राजेश यादव का फर्द बयान दर्ज होता है. पहला फर्द बयान नगर थाना सअनि दिलेश्वर प्रसाद सिंह तथा राजेश से फर्द बयान नगर थाना अनि रविकांत दूबे लेते हैं.
इनके द्वारा छह लोगों को नामजद किया जाता है. मैरवा थाने में अपराध संख्या 133/15 में अनूप की हत्या के प्रयास का मुकदमा दरौंदा थाने के लोपर गांव के राहुल यादव, केतुल यादव, पवन यादव, रोहित यादव, वृजकिशोर यादव, राजकिशोर यादव तथा बिहारी लाल यादव के खिलाफ पुलिस दर्ज करती है. इसमें से राहुल यादव व रोहित यादव को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. इस मामले में दोनों के खिलाफ पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है. वहीं, अपराध संख्या 132/33 में पुलिस ने अनुसंधान के दौरान रोहित व राहुल को रिमांड कर लिया. एक ही घटना में दो प्राथमिकियों के साथ ही न्यायालय तक मामला चले जाने के बाद भी पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी ने इसे संज्ञान नहीं लिया. अब दोनों मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं.
एक मुकदमे में चार्जशीट दाखिल, दूसरे में अनुसंधान जारी
अनूप हत्याकांड में ऐसे हुई पुलिस की लापरवाही
सदर अस्पताल में आठ सितंबर की सुबह अनूप की मौत हो जाती है. इसके बाद दो मुकदमा दर्ज हुआ.
मैरवा थाना कांड संख्या 132/15 भादवि की धारा-328, 302
सूचक-राजेंद्र यादव (मृतक के पिता)
फर्द बयान दर्जकर्ता-दिलकेश्वर प्रसाद सिंह, एएसआइ, नगर थाना, समय-6.30 बजे पूर्वाह्न
आरोपित-अज्ञात
मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट का समय- 6.50 बजे पूर्वाह्न
थाने में प्राप्त सूचना- दिनांक आठ सितंबर, 2015, समय- रात नौ बजे
अनुसंधानकर्ता- पुअनि कृष्णकांत राम, मैरवा थाना
मैरवा थाना कांड संख्या 133/15 भादवि की धारा-328,307/34
सूचक- राजेश यादव (मृतक के दोस्त, निवासी पिनरथु, थाना दरौंदा)
फर्द बयान दर्जकर्ता-रविकांत दूबे, पुअनि, नगर थाना, समय-9.45 बजे पूर्वाह्न
आरोपित-दरौंदा थाने के लोपर गांव के राहुल यादव, केतुल यादव, पवन यादव, रोहित यादव, वृजकिशोर यादव, राजकिशोर यादव तथा बिहारी लाल यादव.
थाने में प्राप्त सूचना- दिनांक 8 सितंबर, 2015, समय : रात 9.05 बजे
अनुसंधानकर्ता- एसआइ केके राय, मैरवा थाना

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