आटा से लेकर मैदा तक हुआ मंहगा, मेवे की कीमतों में उछाल
किराना सामान की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की उछाल आ गया है. खान-पान की वस्तुओं के दाम बढ़ने से मध्यम वर्गं के लोग हलकान हैं. आटा जैसे जरूरी सामग्री के अलावा सूजी और मैदे की बढ़ी कीमतों से किचेन का बजट गड़बड़ा गया है. दाल व सूखे मेवे भी अपने तेवर दिखा रहे हैं.
गुठनी: किराना सामान की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की उछाल आ गया है. खान-पान की वस्तुओं के दाम बढ़ने से मध्यम वर्गं के लोग हलकान हैं. आटा जैसे जरूरी सामग्री के अलावा सूजी और मैदे की बढ़ी कीमतों से किचेन का बजट गड़बड़ा गया है. दाल व सूखे मेवे भी अपने तेवर दिखा रहे हैं. कारोबारियों ने बताया कि आटा में एक माह से मामूली तेजी चल रही थी. लेकिन, हाल के दस दिनों में बड़ी तेजी आई है. गेंहू से तैयार होने वाले अन्य उत्पाद भी महंगे हुए हैं. आटा 28 से 30 की दर पर चल रहा था, लेकिन अब 32 रुपये प्रति किलो की दर पर पहुंच गया है. सूजी का दाम 35 रुपये किलो और मैदा 34 रुपये तक एक सप्ताह पहले चल रहा था, लेकिन अभी दोनों ही 40 रुपये किलो के खुदरा दर पर पहुंच गया है. फलाहार में प्रयोग होने वाले कूटू आटा पर भी महंगाई की मार है. यह 85 की जगह अब 105 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है. देशी घी के दाम चरम पर हैं. यह ब्रांड के हिसाब से 1000 से लेकर 15 सौ रुपये प्रति किलो तक बिक रहे हैं. काली मिर्च 950 रुपए किलो के भाव से बिक रही है. इसी तरह छोटी इलायची पहले दो हजार रुपये किलो बिक रही थी, जो बढ़कर तीन हजार रुपये तक पहुंच गई है. गुठनी के किराना व्यवसायी धर्मेंद्र कुमार तथा तेनुआ के किराना कारोबारी रोहित कुमार का कहना है कि आटा की महंगाई बरसात के कारण है. बाजार में उपलब्ध गेंहू का स्टॉक खत्म हो गया है. हर जगह बरसात के कारण आवाजाही प्रभावित है. बाहर से माल कम आ रहे हैं. बरसात के कारण लोकल स्तर पर माल तैयार नहीं हो पा रहा है. कारोबारियों ने बताया कि आटा दस दिन पहले तक 28 रुपये का बिक रहा था लेकिन अब यह 32 रुपये प्रति किलो है. ब्रांडेड कंपनी के आटा का दाम 45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. दाल के दाम ने पहले से ही कर रखा है परेशान वर्तमान की महंगाई के पूर्व से दाल की महंगाई ने परेशान कर रखा है. रोहित कुमार बताते हैं कि विगत तीन-चार महीने से दालों के दाम में कोई कमी नहीं हो पा रही है. अरहर की दाल 160 से एकबारगी बढ़कर 180 रुपये प्रति किलो जबकि मूंग की दाल 110 से बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो और मसूर तथा चना दाल 70 रुपये से बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो पर अड़ी हुई है. सूखे मेवे भी महंगे सबसे अधिक महंगाई काजू पर है. खुदरा दाम 750 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये किलो हो गया है. मखाना भी इस समय 1050 की जगह 12 सौ रुपये किलो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. बादाम 700 रुपये किलो बिक रहा है. किराना कारोबारी रोहित कुमार बताते हैं कि इस बार उपज कमजोर होने की वजह से काजू के दाम में भारी वृद्धि हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है