संवाददाता, सीवान.जिले के आयुष्मान भारत योजना के 27 लाख 39 हजार 183 लाभुकों में लगभग 13 लाख 83 हजार 724 लाभुकों का आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड बन चुका है. जबकि स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा इलाज के लिये अधिकांश अस्पतालों को स्वीकृति नहीं देने से यह सुविधा कार्डधारकों के लिये बेमतलब साबित हो रही है. आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों की संख्या काफी कम होने से गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वैसे तो जिले के सभी प्राथमिक,सामुदायिक,रेफरल,अनुमंडल एवं सदर अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने के लिए इंपैनल्ड हैं.लेकिन सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले लाभुकों के इलाज करने में स्वास्थ्य विभाग की कोई दिलचस्पी नहीं रहती है. लाइसेंस व नवीनीकरण का कार्य है लंबित जिले में सरकारी अस्पतालों को छोड़कर पांच निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने के लिए इंपैनल्ड किया गया है.जिला प्रशासन द्वारा गड़बड़ी पाये जाने पर श्री साईं हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ शेष चार इंपैनल्ड अस्पतालों का कई माह से नवीनीकरण ज़िला एम्पैनलमेंट कमेटी द्वारा नहीं किया गया है.चारों में दो ही अस्पताल ऐसे हैं जहां अधिक संख्या में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का निःशुल्क इलाज होता है.बताया जाता है कि लगभग आधा दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों द्वारा इंपैनल्ड होने के लिए आवेदन दिया गया है. सितंबर में ज़िला एम्पैनलमेंट कमिटी द्वारा जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई.लेकिन अभी तक जांच नहीं होने से न तो पुराने का नवीनीकरण हो रहा है और न नये को इंपैनल्ड किया गया.
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