संवाददाता गुठनी. नगर पंचायत के गठन के तीन साल हो चुके है. लेकिन नगर पंचायत का जिस गति से विकास होना चाहिए उस गति से नहीं हो रहा है. विकास कार्य नहीं होने से नगर पंचायत में कई जगहों पर जलजमाव, वार्डों में कच्ची सड़कें व ऐसे जगह जहां पर कलव की आवश्यकता है वहां पर लोग किसी तरह रास्ता पार करने को मजबूर हैं. गुठनी नगर पंचायत को आज तक पूरे तौर पर अधिकारी व कर्मी नहीं मिल सका है.नगर पंचायत के गठन के लगभग छह महीनों तक जैसे तैसे काम चला. इसके बाद करीब दो साल तक कभी मैरवा तो कभी गुठनी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी व जेई प्रभार में रहे.इधर कुछ महीनों पहले नगर पंचायत को अपना कार्यपालक पदाधिकारी और कनीय अभियंता तो मिला है लेकिन अब तक स्थायी रूप से नियुक्ति नहीं हो सकी है. जिसके कारण गुठनी नपं का विकास कार्य लंबे अरसे से प्रभावित हो रहा है. नगर पंचायत के लिए स्थायी तौर पर जेइ नहीं रहने के कारण कई तरह के विकास कार्य अधूरे पड़े है. नगर पंचायत के प्रभार में जो जेई हैं. वे गुठनी नगर पंचायत के अलावे मैरवा नपं के भी प्रभार में है. विकास कायों के लिए योजना की रूप रेखा बनाने की जिम्मेदारी जेइ की ही होती है. इधर नगर पंचायत के विकास के लिए करोड़ों की राशि रहने के बाद विकास कार्यो पर लगभग ग्रहण लग चुका है. जबकि नगर पंचायत से सटे ग्राम पंचायतों में विकास के कई काम हो रहे है. इधर हाल में नगर पंचायत कार्यालय में पार्षदों की बैठक में कई वार्ड पार्षदों ने अपने अपने वार्डो में जल जमाव से निदान, पक्की सड़क, स्ट्रीट लाइट और कलवर्ट आदि बनाने का प्रस्ताव रखा था कई वार्ड पार्षदों ने कहा की गुठनी नगर पंचायत को जब तक स्थायी पदाधिकारी नहीं मिल जाएंगे तब तक विकास कार्य सही से नहीं हो सकेगा. नगर पंचायत के मुख्य पार्षद राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि गुठनी नगर पंचायत के प्रभार के जेइ और कार्यपालक पदाधिकारी मैरवा नगर पंचायत के हैं.यहां पर जेइ और कार्यपालक पदाधिकारी की स्थायी नियुक्ति होनी चाहिए. बोले कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि जेइ दो जगहों के प्रभार में है. टेक्निकल कार्य जेइ को करना है, कई योजनाओं की रूप रेखा तैयार कर जेइ को दिया गया है. जल्द ही नई योजनाओं का काम शुरू किया जायेगा.
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