संवाददाता,सीवान. जहरीली शराब से लगातार जिले में हो रही मौत के बीच शनिवार को पटना हाइकोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम यहां पहुंची.इस दौरान प्रभावित परिवारों से मुलाकात करते हुए उनका हाल जाना.यह टीम अपनी रिपोर्ट से पटना हाइकोर्ट को अवगत करायेगी. हाइकोर्ट पटना के वरिष्ठ अधिवक्ता व बिहार बार काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा की अगुवाई में अधिवक्ताओं की पांच सदस्यीय टीम पहुंची.जिसमें राम जीवन प्रसाद सिंह, शशि भूषण सिंह, गोपाल कृष्ण, रिज्वानुल् जामा खान शामिल थे. वरीय एडवोकेट योगेश चन्द्र वर्मा ने मौके का जायजा लेने के बाद यहां अपने जारी बयान में कहा कि बिहार मे शरा बंदी कानून पूर्ण रूप से विफल है. जिसका नतीजा है की अब तक सारण और सीवान मे चालीस से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पीने से मर चुके है. उन्होंने कहा की स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा यह संख्या 40 के पार बताया जा रहा है. उन्होंने कहा की मरने वालों की आंकड़ा चाहे जो भी हो जहरीली शराब ने ऐसा तांडव मचाया है की पूरे बिहार में यह चर्चा का विषय बन गया है.इस बात पर जोर देकर कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद से संबंधित मुकदमों की संख्या बढ़ गयी है.उसके अनुपात में मुकदमों का निस्तारण बहुत ही कम हो पा रहा है. पटना हाई कोर्ट के पांच सदस्य टीम ने पीड़ित परिवार के प्रति शोक प्रकट करते हुए कहा कि बिहार के नीतीश कुमार की सरकार को समीक्षा कर शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू कर पुलिस पदाधिकारियों और चौकीदारों और पंचायत जन प्रतिनिधियों को जिम्मेवारी सौंपे. जांच टीम ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप है की स्वास्थ्य सेवा लचर होने के कारण समय से इलाज नही होने से भी लोगों की मौत हो गयी. इस मौके पर सीवान अधिवक्ता संघ के वरीय एडवोकेट बृज मोहन रोस्तोगी, इरफान अहमद, प्रमोद रंजन, परमात्मा पांडेय, डॉ राजू कुमार पांडेय, दिनेश कुमार सिंह, बिटु कुमार सिंह, सहित दर्जनों एडवोकेट मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है