नियमों की अनदेखी पर अध्यक्ष व वार्ड पार्षद कठघरे में

स्थानीय नगर पंचायत के चुनाव के बाद से नियमानुसार बैठक की कार्रवाई न करने का एक मामला राज्य निर्वाचन आयोग में पहुंच गया है.जिसको लेकर शिकायतकर्ता ने नियमावली के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की है.इस बीच दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और लिखित जवाब के लिये शनिवार को जिला पंचायतराज पदाधिकारी पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 9:02 PM

महाराजगंज. स्थानीय नगर पंचायत के चुनाव के बाद से नियमानुसार बैठक की कार्रवाई न करने का एक मामला राज्य निर्वाचन आयोग में पहुंच गया है.जिसको लेकर शिकायतकर्ता ने नियमावली के उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की है.इस बीच दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने और लिखित जवाब के लिये शनिवार को जिला पंचायतराज पदाधिकारी पहुंचे. नप अध्यक्ष पर बोर्ड कि बैठक नियमानुसार नहीं कराने को लेकर अधिवक्ता प्रफुल्ल रंजन ने राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष परिवाद दायर किया है.जिसकी सुनवाई एक अगस्त को हुई थी, पर यहां दोनों पक्षों द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. जिसके के चलते राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी नगरपालिका सह जिला पदाधिकारी को पत्र जारी करते हुए 5 सितम्बर को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की गई है.इसके पहले दोनों पक्षों से जवाब लेकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना है.इसी क्रम में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर शनिवार को जिला पंचायतराज पदाधिकारी नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे.जहां वाद दायर करनेवाले अधिवक्ता प्रफुल्ल रंजन व नगर पंचायत अध्यक्ष शारदा देवी के तरफ से अपना लिखित जवाब दिया गया. सदस्यता रद्द करने की मांग वादकारी के तरफ से अपने जवाब में कहा गया है कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 16-A (6) के अनुसार नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा अपने वार्डो में वार्ड समिति की बैठक आहूत कर योजनाओं का चयन न करने, नगर पंचायत के बोर्ड व स्थायी समिति की बैठक नियमानुसार न किये जाने जैसे सवाल उठाये हैं.वादकारी के मुताबिक इन नियमों का उल्लंघन साबित होने की स्थिति में सदस्यता रद्द की जानी चाहिये. बिहार सशक्त स्थायी समिति कार्य संचालन नियमावली 2010 के नियम 3 के अनुसार इस समिति की बैठक महीने में कम से कम 2 बार आहूत होनी चाहिए और नियम – 5 के अनुसार मुख्य पार्षद को बैठक आहूत करना होता है या फिर उप-मुख्य पार्षद सहित सशक्त स्थायी समिति के 2 सदस्य भी सशक्त स्थायी समिति की बैठक आहूत करने की मांग कर सकते है.सशक्त स्थायी समिति की बैठक 24 फरवरी 2023 से लेकर आज तक की अवधि में किस माह में कब और कितनी बार आहुत की गयी है,मुख्य पार्षद द्वारा सशक्त स्थायी समिति की बैठक आहूत नहीं करने की स्थिति में उपमुख्य पार्षद द्वारा मुख्य पार्षद अथवा कार्यपालक पदाधिकारी को मांग पत्र दिया गया अथवा नहीं. इस बात की की भी जांच होनी चाहिए,मुख्य पार्षद द्वारा सशक्त स्थायी समिति की बैठक आहूत नहीं करने की स्थिति में सशक्त स्थायी समिति के किसी भी सदस्य द्वारा सशक्त स्थायी समिति की बैठक आहूत करने हेतु मुख्य पार्षद अथवा कार्यपालक पदाधिकारी की मांग पत्र दिया गया है अथवा नहीं ? इस बात की भी जांच कराने की मांग की है. उधर नगर पंचायत के अध्यक्ष शारदा देवी ने भी लिखित रूप से अपना जवाब दे दिया है.जिसमें नियमों के अनदेखी की शिकायत को गलत बताया गया है.ऐसे में अब सभी की निगाहें 5 सितम्बर की सुनवाई पर टिकी हुई है.

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