कोरोना मरीज मिलने के बाद सील हुए गांवों में होम डिलिवरी की खानापूर्ति
रघुनाथपुर : प्रखंड के एक गांव में ओमान से एक युवक में कोरोना की पुष्टि होने के बाद उस गांव में मरीजों संख्या हुए बढ़ोत्तरी के बाद प्रशासन ने गांव के तीन किमी के दायरे में पूरी तरह सील कर दिया गया. इस प्रतिबंधित क्षेत्र में सिर्फ प्रशासन के अधिकारी व एनडीआरएफ की टीम के […]
रघुनाथपुर : प्रखंड के एक गांव में ओमान से एक युवक में कोरोना की पुष्टि होने के बाद उस गांव में मरीजों संख्या हुए बढ़ोत्तरी के बाद प्रशासन ने गांव के तीन किमी के दायरे में पूरी तरह सील कर दिया गया. इस प्रतिबंधित क्षेत्र में सिर्फ प्रशासन के अधिकारी व एनडीआरएफ की टीम के अलावा किसी को भी आने-जाने पर पाबंदी लगी हुई है. जब एक गांव में किसी भी प्रकार की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाए ऐसे में रोजमर्रा की चीजों की किल्लत से ग्रामीणों को जूझना आम बात हो जायेगी. यही हुआ है उक्त पंचायत के गांव में. जब मरीज के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में सब कुछ छीन कर दिया गया, तो वहां के आबादी के सामने रोजमर्रा की चीजों व खाद्य सामग्री की आफत आ गयी. हालांकि प्रशासन द्वारा लगाये गये पाबंदी पर प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों के लिए सब्जी राशन सहित आवश्यक सामग्रियों की सप्लाइ भी करायी जा रही है, परंतु आबादी के अनुपात में प्रशासन द्वारा करायी जा रही व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. इसको लेकर लोगों में नाराजगी भी साफ तौर पर देखी जा रही है.
कई ग्रामीणों की शिकायतें भी सामने आ रहे हैं.वार्ड संख्या-चार के रहने वाले शत्रुघ्न राम का कहना है कि प्रशासन के द्वारा रोजमर्रा की चीजों की सप्लाइ करायी जा रही है. भले ही अच्छी बात है परंतु अभी तक वार्ड संख्या चार में यह सफाई वाली गाड़ी नहीं पहुंची है. जिससे प्रशासन के इस उदारता का लाभ वार्ड संख्या-4 के लोगों को नहीं मिल सका है.वहीं वार्ड संख्या-तीन के जितेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना महामारी से बचने के लिए प्रशासन के द्वारा पंचायत को पूरी तरह से सील किया जाना ठीक है, परंतु गांव में रहने वाले लोगों के लिए रोजमर्रा की सामग्रियों कि आपूर्ति भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. जिससे कि लोगों को रोजमर्रा की समस्या से परेशान न होना पड़े. उन्होंने बताया कि मेरे भी वार्ड में अभी तक प्रशासन द्वारा सप्लाइ के लिए भेजे जा रहे गाड़ी अभी तक नहीं पहुंचे हैं.वार्ड संख्या-आठ के निवासी अब्दुल रहमान का कहना है कि गांव में पूरी तरह सील कर दिया गया है और रोजमर्रा की चीजों की आपूर्ति भी सही ढंग से नहीं हो पा रही है. ऐसे में लोगों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गयी है. प्रशासन यदि इसकी व्यवस्था कराने की दावा कर रही है तो गाड़ी आती तो लोग खरीद भी लेते परंतु गाड़ी ही नहीं मिलेगी तो लोग के सामने ही रोजमर्रा की सामग्रियों के भी लाले पड़ जायेंगे.वार्ड संख्या-10 के निवासी छोटेलाल बैठा का कहना है कि प्रशासन के द्वारा आपूर्ति करायी जाने वाली गाड़ी मेरे बगल वाले मोहल्ले में आयी थी. ऐसी जानकारी है, परंतु हमारे वार्ड में अभी तक नहीं आयी है. उनके अनुसार आसपास के लोगों द्वारा जानकारी मिली है कि गाड़ी इधर भी आने वाली है.