सीवान: इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया मनाया जायेगा. माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती है. अक्षय तृतीया पर शुभ संयोग बन रहे हैं. पंडित राजेश्वर मिश्रा ने बताया कि तृतीया तिथि का आरंभ 10 मई की सुबह 10 बजकर 17 मिनट से हो जायेगी. जो 11 मई को रात्रि 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा अाराधना करनी चाहिए. पूजा के लिए सही समय सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक का है. वहीं खरीदारी के लिए पूरा दिन शुभ माना गया है. सोना एवं चांदी की खरीदारी दोपहर 12 बजकर 15 मिनट के बाद करें तो यह ज्यादा शुभ साबित होगा.माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में बरकत बनेगी रहेगी सुकर्मा योग में खरीदारी करना बेहद शुभ अक्षय तृतीया के दिन शुक्रवार है और साथ ही सुकर्मा योग भी इस दिन रहेगा. सुकर्मा योग का आरंभ दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से होगा और अगले दिन लगभग 10 बजे तक यह योग बना रहेगा. इस योग में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है.इसके साथ ही इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा, इस नक्षत्र के स्वामी भौतिक सुखों के दाता शुक्र ग्रह हैं इसलिए रोहिणी नक्षत्र में किसी भी तरह का कार्य शुरू करना आपके लिए शुभ फलदायक रह सकता है.इसके बाद पूरे दिन भर मृगशिरा नक्षत्र रहेगा इस नक्षत्र को भी ज्योतिष में शुभ माना गया है.इसके साथ ही तैतिल और गर करण का निर्माण भी इस दिन होगा. इसलिए अक्षय तृतीया को बेहद खास माना जा रहा है. चातुर्मास में चार महीने मांगलिक कार्य रहेंगे बंद 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएगा. फिर विवाह के लिए चार माह इंतजार करना होगा. 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. प्रत्येक साल इस दिन से भगवान विष्णु राजा बलि का आतिथ्य स्वीकार करते हुए चार महीने पाताल लोक में निवास करते हैं. इस समय को ही चातुर्मास के रूप में जाना जाता है. दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी से विवाह आदि शुरू हो सकेंगे. इस प्रकार अब इस सीजन में जुलाई महीने में सिर्फ पांच दिन शादी-ब्याह का शुभ लग्न शेष बचा है.
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