Siwan News : एचएमपीवी को लेकर मास्क लगाने, हाथ धोने की अपील

स्वास्थ्य विभाग द्वारा एचएमपीवी के संबंध में हेल्थ एडवाइजरी जारी किये जाने के बाद सिविल सर्जन की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कार्यशाला में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूक किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 9, 2025 10:30 PM

सीवान. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के संबंध में हेल्थ एडवाइजरी जारी किये जाने के बाद गुरुवार सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कार्यशाला में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस के संबंध में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूक किया गया. डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अमजद अली ने सभी डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस के लक्षण, बचाव, इलाज एवं इसका संक्रमण फैलने से कैसे रोक जा सकता है के संबंध में प्रेजेंटेशन के द्वारा बताया. सिविल सर्जन ने इसे लेकर सभी डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि एचएमपीवी से घबराने की आवश्यकता नहीं है. यह वायरस नया नहीं है. वर्ष 2001 से इसके मामले सामने आते रहे हैं. हालांकि विभाग सतर्क है और लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गयी है. यह वायरस खांसने, छींकने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. सर्दियों में इसके मामलों में वृद्धि देखी जाती है, जबकि वसंत में इसके प्रसार में कमी होती है. आइडीएसपी के मेडिकल ऑफिसर डॉ विकास कुमार ने बताया कि यह वायरस ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके कारण सर्दी, खांसी और सांस की समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि यह सामान्य रूप से मामूली संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों, 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में तीन बेडों का एक आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है. खांसी, जुखाम, फीवर एवं सांस के मरीजों पर निगरानी रखी जा रही है. जरूरत पड़ने पर जांच के लिए सैंपल एनआइवी पूणे भेजा जायेगा.

संक्रमण से बचाव के उपाय

डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अमजद अली का कहना है कि एचएमपीवी संक्रमण से बचाव और इसके प्रसार को रोकना आसान है. नियमित अंतराल पर साबुन और पानी से हाथ धोएं. गंदे हाथों से आंख, नाक, मुंह और कान को न छूएं. संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचें. छींकते और खांसते वक्त रुमाल या टिश्यू का उपयोग करें. संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की नियमित सफाई करें. संक्रमण की अवधि के दौरान खुद को आइसोलेट रखें. कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों की सेहत पर विशेष ध्यान दें. कार्यशाला में सीडीओ डॉ अशोक कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार, जिला गैरसंचारी रोग पदाधिकारी डॉ शमीम खान, डॉक्टर, जीएनएम, यूनिसेफ एवं पीरामल के अधिकारी शामिल हुए.

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