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निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना से लाभ लेने के लिए 30 अगस्त तक करें आवेदन

सात निश्चय भाग-दो के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना के अंतर्गत जिले के मछली पालकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 8:46 PM

संवाददाता, सीवान

सात निश्चय भाग-दो के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निजी तालाब जीर्णोद्धार योजना के अंतर्गत जिले के मछली पालकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य निदेशालय ने 30 अगस्त तक मत्स्य पालकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया है. योजना के लाभ के साथ ही मछली पालकों को अनुदान का भी लाभ दिया जाएगा. योजना के तहत दो मॉडल के अंतर्गत तालाब जीर्णोद्धार योजना का लाभ मछली पालकों को दिया जाएगा.

जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि मॉडल-वन पुराने निजी तालाबों का जीर्णोद्धार तथा मॉडल-टू योजना अंतर्गत निर्मित निजी तालाबों के जीर्णोद्धार से जुड़ा है. योजना के अंतर्गत अन्य वर्ग को 30 प्रतिशत अनुदान देय है, जबकि अति पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को 40 प्रतिशत अनुदान देय है.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार योजना का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र के ऐसे तालाब, जिसे जीर्णोद्धार की आवश्यकता है, उड़ाही से उसकी जलधारण क्षमता को बढ़ाना है, ताकि मत्स्य उत्पादकता एवं उत्पादन में वृद्धि हो सके. योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने बताया कि फोटोयुक्त पहचान पत्र, आइएफएससी कोड के साथ बैंक खाता नंबर, जाति प्रमाण पत्र, अद्यतन राजस्व रसीद, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, नौ वर्षों के लिए एक हजार रुपए के नन जूडिसियल स्टांप पर का इकरारनामा तथा भूमि पर निर्मित तालाब की जमीन का नक्शा आदि के साथ ऑनलाइन आवेदन करना है. उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग के पोर्टल पर इसके लिए आवेदन करना है. अधिक जानकारी के लिए विभागीय कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस पर आया जा सकता है. विभागीय वेबसाइट पर भी सारी जानकारी उपलब्ध कराई गई है.

एक इकाई पर करीब छह लाख रुपये की लागत

जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि प्रति यूनिट छह लाख रुपये की लागत आएगी, जिस पर कोटिवार क्रमश 30 और 40 फीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा. अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा. तालाब का 50 फीसदी मिट्टी संबंधी कार्य कराए जाने पर अनुदान राशि का 50 प्रतिशत जबकि जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने पर शेष अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा.

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