प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के लिए 15 जून से लिये जायेंगे आवेदन

शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के लिए अधिसूचना जारी किये जाने के बाद 15 जून से जिले में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 12, 2020 10:27 AM

सीवान : शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षक नियोजन के लिए अधिसूचना जारी किये जाने के बाद 15 जून से जिले में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. सरकार के इस निर्णय के बाद शिक्षक नियोजन में हो रही देरी पर अब विराम लग गया है. शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने आवेदन लेने के मामले में सभी जिले के डीइओ को निदेशित किया है. साथ की उप सचिव ने सभी जिलों को निदेश दिया है कि वे नियोजन इकाई वार रिक्ति (दिव्यांगजन सहित) का प्रकाशन एनआइसी की वेबसाइट पर करें, ताकि अभ्यर्थियों को वस्तु स्थिति की जानकारी मिल सके.

इधर कुछ अभ्यर्थियों में, जिन्होंने पहले आवेदन किया है, भ्रम की स्थिति है कि उन्हें दुबारा आवेदन करना होगा. इसको डीइओ चंद्रशेखर राय ने सिरे से खारिज कर दिया. डीइओ ने बताया कि पूर्व में जो अभ्यर्थी आवेदन किये हैं, उन्हें आवेदन करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने डीएलएड किया है और टीइटी या सीटीइटी उतीर्ण हैं, आवेदन करने के पात्र होंगे.

सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक 15 जून से 14 जुलाई यानी कि एक महीने तक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं. 18 जुलाई तक मेरिट लिस्ट तैयार हो जायेगी. 21 जुलाई से अनुमोदन किया जायेगा. 23 जुलाई को मेधा सूची प्रकाशित की जायेगी. इससे पहले नियोजन का प्रथम शिड्यूल जारी कर अगस्त-सितंबर से आवेदन भी लिया गया था. लेकिन इसी दौरान नियोजन प्रक्रिया में कक्षा एक से पांच शिक्षक पद के लिए बीएड के बजाये डीएलएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने व एनआइओएस से सेवाकालीन प्रशिक्षित डीएलएड अभ्यर्थियों को मौका देने की मांग को लेकर मामला हाइकोर्ट व एनसीटीइ में फंस गया था. इधर शिक्षक नियोजन में हो रही देरी से शिक्षक बनने का सपना संजोए अभ्यर्थियों का सब्र टूटने लगा था. अभ्यर्थियों की मानें तो वे शिक्षक बहाली की कुचक्र प्रक्रिया में फंसे हैं. पिछले वर्ष जुलाई में ही शुरू हुई नियोजन प्रक्रिया एक वर्ष बाद भी अपने अंतिम मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है. जैसे-जैसे नियोजन की गाड़ी धीमी पड़ती गयी, नियोजन प्रक्रिया में पेंच फंसता गया और सरकार ठोस निर्णय लेने से बचती रहीं. अभ्यर्थियों का कहना है कि फिर से नियोजन की कवायद शुरू होने के बाद शिक्षक बनने की आस जगी है

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