बदन को झुलसा देनेवाली गर्मी से लोग परेशान
मंगलवार को तेज धूप व गर्म हवा ने लोगों को परेशान किया. इस दौरान अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं 13.5 किमी/घंटा की रफ्तार से गर्म पछुआ हवा चली. मई से ही तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मौसम के जानकारों का मानना है कि मानसून के आने पर ही प्रचंड गर्मी व हीटवेब से राहत मिलने की उम्मीद है.
सीवान. मंगलवार को तेज धूप व गर्म हवा ने लोगों को परेशान किया. इस दौरान अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं 13.5 किमी/घंटा की रफ्तार से गर्म पछुआ हवा चली. मई से ही तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मौसम के जानकारों का मानना है कि मानसून के आने पर ही प्रचंड गर्मी व हीटवेब से राहत मिलने की उम्मीद है. आने वाले चार दिनों में तापमान 42-44 डिग्री सेल्सियस के बीच होने की संभावना है. यही स्थिति रही तो आने वाले तीन चार दिनों तक लोगों को तीव्र हीटवेब का सामना करना पड़ सकता है. रात में भी गर्मी से राहत मिलने की संभावना कम है. चिकित्सकों का कहना है कि इस परिस्थिति में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है. 42 डिग्री से अधिक तापमान होना मानव ,पशु पक्षी व पेड़ पौधों के लिए हानिकारक होता है. इस समय बेहद सावधानी बरतनी जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. खासकर बचे और बुजुर्ग को विशेष परहेज की जरूरत है. इस बार गर्मी शुरु होने के साथ मौसम ने रंग दिखाना शुरु कर दिया है. सुबह में जहां धुंध व उमस परेशान कर रही है. वहीं दिन के 10 बजने के बाद ही गर्म हवा व तीखी धूप रफ्तार पकड़ ले रही है. ऐसे में लोगों को सेहत के प्रति सतर्कता जरूरी है. तापमान के साथ गर्म हवा बढ़ायेगी परेशानी मौसम विभाग की माने तो इस बार गर्मी पिछली रिकार्ड तोड़ दी है.पिछले साल जेठ माह में मौसम सुहावना लग रहा था. उस समय प्री मानसून में अच्छी बारिश हुई थी. इस बार मानसून के आने में देर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस साल तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम के जानकार डा. मनोज कुमार गिरी ने बताया कि आगामी चार दिन तक अधिकतम तापमान 42 से 44 और न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है. वही प्रत्येक दिन तेज गर्म हवा चलेगी. गर्मी से बीमार होने लगे लोग भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों के शरीर पर पड़ रहा है. गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त, वायरल बुखार व पेट दर्द की बीमारी ने दस्तक दे दी है. गर्मी से उल्टी-दस्त, पेट दर्द के साथ ही डायरिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं. चिकित्सकों की माने तो डायरिया एक जल जनित बीमारी है. गर्मी बढ़ते ही लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी खरीदकर पानी पीना शुरू कर देते हैं. इसके अलावा टैंकरों व सप्लाई का पानी भी कई बार खराब आ जाता है. इसलिए लोगों को इस मौसम में हमेशा साफ पानी या पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए.वही गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है. गर्मी के कारण उल्टी दस्त, बुखार, पेट में दर्द, सांस की बीमारी आदि रोग बच्चों में हो रहे हैं. ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हो रहे हैं. रोजाना 10-15 बच्चे सरकारी अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं. लू से बचाव के उपाय चिकित्सकों का कहना है कि गर्मियों के मौसम में गरम गरम हवाओं के थपेड़े चलने शुरू हो जाते हैं व शरीर में पानी और नमक की कमी होने लगती है जिससे लू लगने का खतरा बढ़ जाता है. अक्सर गर्मियों के मौसम में जिन लोगों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है शरीर कमजोर होता है जैसे बच्चों व बुजुर्गों को लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है या जो लोग ज्यादा कसरत करते हैं उनके शरीर में भी पानी व नमक की मात्रा कम होंने से भी लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है . खानपान व दिनचर्या में बदलाव करके इस समस्या से बचा जा सकता है.
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