बिहार बंद का रहा मिलाजुला असर
पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के आह्वान पर रविवार को बिहार बंद का ऐलान किया गया था. यह आह्वान 70 वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा रद करने व फिर से परीक्षा आयोजित करने को लेकर था. इसके आलोक में युवा शक्ति जिलाध्यक्ष सह जिला परिषद सदस्य अरविंद कुमार यादव के नेतृत्व में समर्थकों ने प्रदर्शन किया.
संवाददाता सीवान. पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के आह्वान पर रविवार को बिहार बंद का ऐलान किया गया था. यह आह्वान 70 वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा रद करने व फिर से परीक्षा आयोजित करने को लेकर था. इसके आलोक में युवा शक्ति जिलाध्यक्ष सह जिला परिषद सदस्य अरविंद कुमार यादव के नेतृत्व में समर्थकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने तरवारा मोड़ से बबुनिया मोड़ तक मार्च निकाला. साथ ही बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ पुर्नपरीक्षा कराये जाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए छात्रों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करवाया. उन्होंने इसे लोकतंत्र का हनन बताया और कहा कि सरकार जनता और छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है. प्रदेश महासचिव संजय रानीपुरी ने कहा कि प्रदेश की नीतीश सरकार लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रच रही है. उन्होंने नीतीश सरकार से पांच मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि छात्र हित में उनकी मांग पूरी करने की आवाज बुलंद की. वहीं जन अधिकार पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष विश्वनाथ यादव उर्फ धु्रव यादव ने सरकार छात्रों की मांगें पूरी करे, अन्यथा आंदोलन तेज किया जाएगा. इस मौके पर विनोद सम्राट, पूनम सिंह, सुरेंद्र सिंह, कुंदन यादव, अभिमन्यु यादव, अमर कुमार, मनीष कुमार, फिरोज मुखिया, संतोष यादव समेत काफी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे.
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