Bihar Flood, गुठनी. सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से स्थानीय लोगों में फिर से दहशत हो गया है. सरयू किनारे बसे लोगों के मुताबिक पिछले तीन दिनों में सरयू के जलस्तर में निरंतर वृद्धि देखी गई. लगातार हो रही बारिश और बैराजों से पानी छोड़ने के बाद नदी में इस तरह का बदलाव देखा गया है. इस संबंध में जेइ सुनील कुमार पंडित ने बताया कि सरयू नदी का वर्तमान जलस्तर 60 मीटर 04 सेंटीमीटर है. जो वार्निंग लेवल से 0.22 सेंटीमीटर ऊपर है. जबकि डेंजर लेवल से 0.78 सेंटीमीटर नीचे सरयू नदी बह रही है. ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि बढ़ते जलस्तर से निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है जिससे फसलों को काफी नुकसान होगा. ग्रामीणों का कहना है कि धान की फसल जलस्तर बढ़ने से डूब चुकी है. वहीं मक्का, मूंगफली, बाजरा, अरहर, मूंग की फसलों को नुकसान होगा.
खतरे के निशान से 0.78 सेंटीमीटर नीचे बह रही है सरयू
सरयू नदी डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. शनिवार को जारी जल संसाधन विभाग के बुलेटिन के अनुसार सरयू नदी वर्तमान जलस्तर 60.04 मीटर से 0.22 सेमी ऊपर बह रही है. जबकि डेंजर लेबल से 0.78 सेंटीमीटर नीचे पर बह रही है. सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से गोगरा तटबंध पर दबाव और बढ़ गया है. वहीं निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भी घुसने लगा है.
बाढ़ से 250 घरों पर मंडराता है हर साल बाढ़ का खतरा
सरयू नदी में आने वाले हर साल बाढ़ से खेती योग्य भूमि को भारी नुकसान होता है. वहीं सरयू नदी के किनारे बसे गांवों सोहगरा, सोनहुला, श्रीकरपुर, गोहरुआ, गुठनी, योगियाडीह, तिरबलुआ, ग्यासपुर, बलुआ, पांडेयपार, मैरिटार, दरौली, नरौली, केवटलिया, डूमरहर, अमरपुर, गंगपुर, सिसवन के निचले इलाकों में पानी घुस जाता है. जबकि 250 घरों पर बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है.इस संबंध में कार्यपालक अभियंता अमित आनंद ने बताया कि गुठनी से लेकर सिसवन तक के इलाकों की स्थिति सामान्य है. एसडीओ और जेई को बाढ़ और कटाव से संबंधी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया हैं.
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