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बिना रजिस्ट्रेशन वाले निजी स्कूलों पर लगेगा जुर्माना

गैर कानूनी रूप से संचालित हो रहे निजी विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दिया है.जिले में बिना रजिस्ट्रेशन प्राइवेट स्कूल अब संचालित नही होंगे. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब छात्रों को अपने पोषक क्षेत्र के निजी विद्यालयों में निशुल्क नामांकन एवं शिक्षा प्राप्त करने की योजना सरकार की ओर से बनाई गई है

By Prabhat Khabar News Desk | October 22, 2024 8:43 PM

सीवान. गैर कानूनी रूप से संचालित हो रहे निजी विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दिया है.जिले में बिना रजिस्ट्रेशन प्राइवेट स्कूल अब संचालित नही होंगे. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब छात्रों को अपने पोषक क्षेत्र के निजी विद्यालयों में निशुल्क नामांकन एवं शिक्षा प्राप्त करने की योजना सरकार की ओर से बनाई गई है. जबकि जिले में ऐसे निजी विद्यालय हैं,जिनका रजिस्ट्रेशन नही है. जिसमें सरकार की शिक्षा के अधिकार के तहत निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने की योजना का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.ऐसे में शिक्षा विभाग का बिना रजिस्ट्रेशन संचालित किया जा रहे निजी विद्यालयों पर लगाम लगाने की कवायद कर रही है. जिले के अधिकांश निजी विद्यालयों ने रजिस्ट्रेशन का आवेदन दिया है. अपने कुछ कागजात भी जमा किए है. लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से उनका रजिस्ट्रेशन बाधित है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर चुके विद्यालयों की शिक्षा विभाग जांच करेगी और जांच के बाद अगर उनके कागजात एवं विद्यालय में शैक्षणिक भवन कार्यालय, महिला, पुरुष ,शौचालय, खेल मैदान ,पुस्तकालय ,कंप्यूटर, लैब आदि की व्यवस्था शुद्ध होगी तो विभाग रजिस्ट्रेशन करेगा. अन्यथा वैसे विद्यालयों को विभाग बंद करायेगा. विभागीय पदाधिकारी का कहना है कि सरकार की ओर से बिना रजिस्ट्रेशन के विद्यालय संचालित करने पर एक लाख रुपये जुर्माना या फिर प्रत्येक दिन के 10 हजार रूपये के हिसाब से जुर्माना करने का प्रावधान बनाया गया है. इसके लिए बीइओ को पत्र देकर प्रखंडों में संचालित होने वाले निजी विद्यालयों की सूची मांगी गई है. पत्र में कहा गया है कि कितने ऐसे विद्यालय हैं जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है और कितने ऐसे विद्यालय हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. उनकी सूची अलग-अलग करके दें. अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा के अधिकार के तहत निशुल्क शिक्षा देने के लिए सरकार के मानक के अनुरूप छात्रों एवं अभिभावकों को आवेदन करने का निर्देश दिया गया था. जिसके आलोक में कुछ छात्रों एवं अभिभावकों ने आवेदन किया था, जिसके आधार पर उनके पोषक क्षेत्र के निजी विद्यालयों में मेधा सूची प्रकाशित कर विद्यालयों का नाम नामित किया गया था. उसके आधार पर अभिभावकों ने अपने बच्चों का नामांकन कराया है. डीइओ राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत छात्रों को निशुल्क शिक्षा देने की योजना सरकार की ओर से बनाई गई है. जिले में संचालित होने वाले सभी निजी विद्यालयों को रजिस्टर्ड होने के बाद गरीब छात्रों को पढ़ने में काफी सुविधा होगी.

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