संवाददाता सीवान. सीवान डाक प्रमंडल के गोपालगंज एवं सीवान जिले के लगभग एक लाख से अधिक लोग अपने किसान विकास पत्र एवं राष्ट्रीय बचत पत्र की परिपक्वता हो जाने के बाद भुगतान के लिए अपने डाकघरों का चक्कर लगा रहें है. कोई व्यक्ति परेशान है कि उसकी बेटी की शादी कैसे हो पाएगी तो कोई परेशान है की उसकी बीमारी का इलाज पैसे के अभाव में कैसे होगा. मुख्य डाकघर में लगभग एक लाख लोगों के जमा योजना का प्रमाणपत्र फिजिकल जांच के लिए मुख्य डाकघर में बोरे में पड़ा हुआ है. डाक विभाग द्वारा जमा योजना के प्रमाण पत्र का भुगतान में बिलंब होने के कारण डाक विभाग में कुछ भी बिचौलिये भी सक्रिय हो गए हैं जो लोगों से सेवा शुल्क के रूप में एक मोटी रकम लेकर उनके जमा योजना के पैसों का भुगतान कराने का दावा कर रहे हैं. जहां लोग एक तरफ इस चिंता में डूबे हैं कि उनके पैसों का भुगतान कब होगा वहीं दूसरी तरफ जमा योजना के पैसों का भुगतान करना डाक विभाग के लिए एक चुनौती के बराबर है. प्रतिदिन जितने लोगों के प्रमाणपत्र की भुगतान की जा रही है उससे अधिक नए प्रमाण पत्र के भुगतान का प्रमाण पत्र मुख्य डाकघर में आ रहा है. मुख्य डाकघर के कर्मचारियों का कहना है कि सीवान डाक प्रमंडल में 58 उपडाकघर है. प्रति माह एक डाकघर से महीने में एक हजार लोगों के जमा योजना के प्रमाण पत्र फिजिकल जांच के लिए आ रहें है.इसके लिए दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो जरूरत से काफी कम हैं. बचत प्रमाणपत्रों को नहीं किया जा सका ऑनलाइन डाक विभाग द्वारा भी अपने डाकघरों को 2016 में कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ने का काम किया.लेकिन विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के कारण डाकघरों के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने वाली कंपनी ने सभी जमा योजना के जारी प्रमाण पत्रों के रिकॉर्ड को ऑन लाइन कर माइग्रेट नहीं किया.इसका खामियाजा किसान विकास पत्र एवं राष्ट्रीय बचत पत्र योजना के तहत जमा करने वाले लोगों को जमा अवधि पुरा होने के बाद भुगतान लेने में परेशानी हो रही है. मैन्युअल रूप से लिए गए बचत प्रमाण पत्रों के परिपक्व होने के बाद भुगतान लेने के लिए विभाग ने डाक अधीक्षक स्तर तक प्रमाण पत्रों की फिजिकल जांच करना अनिवार्य कर दिया गया.इस प्रक्रिया में बचत पत्रों की संख्या अधिक होने के कारण भुगतान में काफी समय लग रहा है. चेक की उपलब्धता कम होने के कारण भी भुगतान प्रकिया धीमी डाक अधीक्षक के राहुल रंजन ने बताया कि उनके द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द लोगों के जमा की राशि उनको उपलब्ध करा दी जाए. उन्होंने बताया कि प्रति दिन 250 लोगों के बचत पत्रों की जांच के बाद भुगतान की प्रक्रिया की जाती है. 50 हजार से काम के भुगतान लोगों के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. लेकिन 50 हजार से अधिक के भुगतान के लिए लोगों को चेक जारी करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि चेक की उपलब्धता कम होने के कारण भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित होती है. एक बार 200 चेक उपलब्ध कराया जाता है. जब चेक खत्म हो जाता है तो पुनः मांग करने पर चेक उपलब्ध होता है. उन्होंने बताया कि 50000 से अधिक की राशि ग्राहकों के खाते में सीधे ट्रांसफर करना संभव नहीं है. क्या कहते हैं जिम्मेदार मुझे जानकारी नहीं है की 2016 में किन कारणों से सभी जारी बचत पत्रों को क्यों नहीं माइग्रेट किया जा सका.यह बात सही है की बचत पत्रों के भुगतान में समय लग रहा है.अगर कोई भुगतान के लिए पैसों की मांग कर रहा है तो मेरे पास शिकायत किया जाय.मेरा प्रयास है की लंबित सभी बचत पत्रों का भुगतान जल्द से जल्द कर दिया जाय.इससे डाक बैंकिंग व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है. राहुल रंजन,डाक अधीक्षक,सीवान डाक प्रमंडल
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