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आठवीं कक्षा के छात्रों को पढ़ायेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक

सीवान. सरकारी स्कूल के छात्रों को अब इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक पढ़ायेंगे. ये शिक्षक अपने आसपास के स्कूली बच्चों को फिजिक्स,केमिस्ट्री,मैथ व अंग्रेजी पढ़ाएंगे.इसके तहत कक्षा आठवीं से लेकर बारहवीं के छात्रों की बेहतर पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मैट्रिक स्तर से ही बच्चों को मार्गदर्शन दिया जायेगा. विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सके लिए कार्य योजना तैयार की है.

संवाददाता, सीवान. सरकारी स्कूल के छात्रों को अब इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक पढ़ायेंगे. ये शिक्षक अपने आसपास के स्कूली बच्चों को फिजिक्स,केमिस्ट्री,मैथ व अंग्रेजी पढ़ाएंगे.इसके तहत कक्षा आठवीं से लेकर बारहवीं के छात्रों की बेहतर पढ़ाई के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए मैट्रिक स्तर से ही बच्चों को मार्गदर्शन दिया जायेगा. विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने सके लिए कार्य योजना तैयार की है. तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नियमित शिक्षकों के अलावा पिछले कुछ सालों में बीपीएससी से योग्य व अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. विभाग का कहना है कि इन शिक्षकों के अनुभव का लाभ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी मिलना चाहिए.शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ और विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों व पॉलीटेक्निक संस्थान के प्राचार्यों के साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा है.अधिकारी द्वय ने कहा है कि सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों व पॉलीटेक्निक में पर्याप्त सहायक प्राध्यापक व व्याख्याता पदस्थापित है.उनके लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध है.छात्र व समाज के हित में आवश्यक है कि संस्थानों में उपलब्ध आधारभूत संरचना व कुशल योग्य शिक्षकों का लाभ सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को भी मिले. संस्थानों में ही होगी कक्षा आठवीं से 12वीं के छात्रों की पढ़ाई इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेजों में एक घंटे की स्पेशल कक्षा संचालित होगी. इसमें स्कूल के 8वीं से 12वीं तक के बच्चे शामिल होंगे.यह विशेष कक्षा सुबह 9 बजे से पहले या शाम 4 बजे के बाद संचालित होगी. इसके लिए विभाग ने संबंधित कॉलेज के प्राचार्यों को पदस्थापित शिक्षकों के लिए रोस्टर तैयार करने के लिए कहा है. रोस्टर के अनुसार बच्चों को गणित, विज्ञान, फिजिक्स, केमिस्ट्री व अंग्रेजी में मार्गदर्शन मिलेगा. पढाई में कमजोर छात्र इन विषयों में होंगे पारंगत विभाग का मानना है ग्रामीण क्षेत्र के छात्र इन विषयों की पढ़ाई में पिछड़ रहे है.जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में असफलता मिल रही है.इस योजना के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी शहरी क्षेत्र के छात्रों की तरह इन विषयों में पारंगत होंगे. डीएसटीटीइ की ओर से तैयार योजना के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी डीईओ को दी गई है.अपर मुख्य सचिव व सचिव के संयुक्त आदेश में कहा गया है कि पहल कार्यक्रम का प्रचार सभी स्थानीय विद्यालयों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में कराना जाय. जिससे अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें. यह भी कहा गया है कि डीईओ व तकनीकी संस्थानों के प्राचार्य आपसी समन्वय बनाकर पढाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

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