दरकी धरती से आ रही है अकाल की आहट
बारिश नहीं होने व उमस भरी गर्मी से जहां आम लोगों की मुसीबत बढ़ गई है.वही किसान एक बार फिर से सूखे की मार झेलने को मजबूर है.खेत में नमी नहीं होने के कारण खरीफ के फसलों में अपेक्षाकृत विकास नहीं हो रहा है.खरीफ सीजन में किसानों को धान की खेती प्रभावित होने का भय सता रहा है. बारिश नहीं होने से किसान के खेत में लगा धान का पौधा पीला पड़ने लगा है.
सीवान. बारिश नहीं होने व उमस भरी गर्मी से जहां आम लोगों की मुसीबत बढ़ गई है.वही किसान एक बार फिर से सूखे की मार झेलने को मजबूर है.खेत में नमी नहीं होने के कारण खरीफ के फसलों में अपेक्षाकृत विकास नहीं हो रहा है.खरीफ सीजन में किसानों को धान की खेती प्रभावित होने का भय सता रहा है. बारिश नहीं होने से किसान के खेत में लगा धान का पौधा पीला पड़ने लगा है. जिले के संपन्न किसान पंपिंग सेट चला कर खेत में पटवन कर रहे है. इसके बावजूद खेत में नमी नहीं मिल रहा है. धान की खेती करने वाले किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर है. मौसम की बेरुखी किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दिया है. बारिश नहीं होने से किसान के खेत में लगा धान का पौधा खराब होने के कगार पर पहुंच गया है. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस खरीफ सीजन में जिले के 124495.94 हेक्टेयर में खरीफ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.वही धान के लिए 100268.69 हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया है.मौसम की बेरुखी के बावजूद भी किसानों ने हार नही मानी और लक्ष्य के विरुद्ध शत प्रतिशत खेतों में धान की रोपनी की है. मौसम की बेरुखी के कारण अब धान का पौधा खराब होने के कगार पर है.मौसम विभाग के मुताबिक बारिश होने की फिलहाल संभावना नहीं दिख रहा है. जिसके कारण जिले भर के किसान पूरी तरह हताश और मायूस हो गया है. किसान केदार नाथ गिरी,बच्चा गिरी,जवाहर सिंह आदि ने बताया कि इस समय धान की खेत में 6 इंच पानी होना चाहिए.जिससे धान के पौधों का ग्रोथ हो सके. लेकिन मौसम को बेरुखी के कारण उन लोगों के समक्ष दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. इन किसानों ने बताया कि मौसम की बेरुखी व चिलचिलाती गर्मी के कारण खेत में धान का पौधा खराब हो रहा है. जिसके कारण किसान काफी चिंतित है.
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