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डेढ़ लाख की लालच में निगरानी के जाल में फंसे डीसीएलआर

महाराजगंज. मंगलवार की रात निगरानी के विशेष टीम की छापेमारी में रिश्वत लेते रंगेहाथ धरे गये महाराजगंज के डीसीएलआर व उनके बाबू के मामले की बुधवार को दूसरे दिन भी हर किसी के जुबान पर चर्चा में रहे.टीम बीस हजार रूपये के रिश्वत लेते हुए दबोचने के बाद आठ घंटे तक डीसीएलआर रामरंजय सिंह और क्लर्क संतोष कुमार से पूछताछ करती रही.

By Prabhat Khabar News Desk | September 4, 2024 9:43 PM

संवाददाता, महाराजगंज. मंगलवार की रात निगरानी के विशेष टीम की छापेमारी में रिश्वत लेते रंगेहाथ धरे गये महाराजगंज के डीसीएलआर व उनके बाबू के मामले की बुधवार को दूसरे दिन भी हर किसी के जुबान पर चर्चा में रहे.टीम बीस हजार रूपये के रिश्वत लेते हुए दबोचने के बाद आठ घंटे तक डीसीएलआर रामरंजय सिंह और क्लर्क संतोष कुमार से पूछताछ करती रही.पूछताछ महाराजगंज स्थित आवास से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक चलता रहा.कहा जा रहा है कि निगरानी अपनी पूरी कार्रवाई के दौरान सभी जरूरी साक्ष्य जुटाने पर पुरा जोर दी.जिससे की अफसर कोई कानूनी कमियों के चलते आगे छूट न जाये. पटना की निगरानी टीम के डिप्टी एसपी सुधीर कुमार ने बसंतपुर थाना क्षेत्र के सूर्यपुरा गांव निवासी सुबोध कुमार के शिकायत पर तीन सितंबर को महाराजगंज के डीसीएलआर के किरानी संतोष कुमार को 20 हजार रुपए लेते हुए शहर के राजेंद्र चौक से गिरफ्तार किया. इसके बाद टीम ने डीसीएलआर के आवास पर पहुंच कर डीसीएलआर को गिरफ्तार कर एक अलग कमरे में पूछताछ की. इसके बाद दोनों को एक साथ डीसीएलआर के कार्यालय ले जाकर अभिलेखों की जांच की .पूछताछ लगभग आठ घंटे चली. इसके बाद डीसीएलआर और किरानी को अपने साथ लेकर निगरानी पटना चली गई. क्या है पूरा मामला: शिकायतकर्ता सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि डीसीएलआर ने अपने लिपिक संतोष कुमार के माध्यम से 1.50 लाख की मांग की थी . सुबोध कुमार ने निगरानी से इसकी शिकायत की थी . उसी पर निगरानी की टीम पहले किरानी संतोष को पहले फोन पर संपर्क कर राजेंद्र चौक पर मुलाकात करने और पैसा लेने की बात की थी. जिस वक्त संतोष सुबोध से बात कर 20 हजार रुपय् ले रहा था उस समय निगरानी टीम के लोग सादे लिबास में अगल बगल में थे. शिकायतकर्ता सुबोध सिंह से 1.50 लाख रुपए किरानी संतोष ने मांग की. लेकिन सुबोध ने 20 हजार रुपए देकर बाद में शेष रुपय्े देने की बात कही. तब तक निगरानी टीम ने किरानी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर डीसीएलआर के पास लाकर दोनों से बारी-बारी से फिर एक बार पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर ली. निगरानी की कार्रवाई शाम 7:23 बजे से दूसरे दिन 4 सितंबर के 3:10 तड़के चली. क्लर्क के घर पर भी छापेमारी निगरानी की टीम इस मामले में गिरफ्तार क्लर्क संतोष कुमार चौधरी के घर बुधवार की अहले सुबह पहुंचकर छापेमारी की .टीम ने उसकी पत्नी व घरवालों से पूछताछ की.छापेमारी कर टीम के सदस्य गिरफ्तार क्लर्क को लेकर पटना चली गई. क्लर्क के घर निगरानी की छापेमारी को लेकर दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. बताया जा रहा है कि संतोष कुमार चौधरी के पिता की मृत्यु होने पर वर्ष 2011 में उसे क्लर्क की नौकरी हुई थी. डीसीएलआर के यहां पदस्थापित होने से पहले वे लकड़ी नबीगंज प्रखंड में थे. पिछले जुलाई महीने में पहले सप्ताह में उसने डीसीएलआर कार्यालय में ज्वाइन किया था.

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