डेंगू संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में बने डेडिकेटेड बेड
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. मलेरिया विभाग द्वारा डेंगू बीमारी से बचाव को लेकर बैनर एवं पोस्टर द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. मलेरिया विभाग द्वारा डेंगू बीमारी से बचाव को लेकर बैनर एवं पोस्टर द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जागरूक कर बताया जा रहा है कि अपने घरों के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. विभाग के निर्देश पर सीवान जिले के रेफरल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू मरीजों के इलाज करने के लिए दो-दो, अनुमंडलीय अस्पताल में पांच एवं सदर अस्पताल में आठ डेडिकेटेड बेड बनाने का निर्देश दिया गया है. मलेरिया विभाग द्वारा सदर अस्पताल में भर्ती होने वाले डेंगू के मरीजों के लिए लिए मच्छरदानी उपलब्ध करा दिया गया है. सभी प्रखंडों को निर्देश दिया गया है कि जलजमाव वाले स्थान पर एंटी लार्वा साइडल का छिड़काव करवाएं. प्रखंडों में डेंगू जांच के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्र को एनएस-1 जांच कीट जिले से उपलब्ध करा दी गयी है. डेंगू कन्फर्मेशन जांच के लिए आरटी पीसीआर लैब को डेंगू कन्फर्मेशन कीट मलेरिया विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गयी है. मरीजों की सुविधा के लिए सीवान सदर अस्पताल सहित दो ब्लड बैंक हैं, लेकिन दोनों ब्लड बैंकों में सेपरेटर मशीन नहीं होने से मरीज को प्लेटलेट्स नहीं मिल पाता है. 2018, 2021 एवं 2023 में जिले में डेंगू ने महामारी का रूप लिया था. डेंगू बीमारी से जहां सैकड़ों लोग आक्रांत हुए, वहीं कई लोगों की मौत मुकम्मल इलाज के अभाव में हो गयी. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुली. जिले के किसी भी ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की व्यवस्था की जाये. जिले में प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं होने से गंभीर स्थिति वाले डेंगू के मरीजों को गोरखपुर या पटना के अस्पतालों में भर्ती का कराना पड़ता है.
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