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डीटी मीटर से होगी बिजली चोरी की निगरानी

जिले में बिजली चोरी की निगरानी के लिये डीटी मीटर (डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर मीटर) लगेगा. मीटर की विशेषता बिजली की आपूर्ति व खपत पर निगरानी रखना है. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड प्रथम चरण में जिला स्तर पर ऐसे 250 ट्रांसफॉर्मर को चयन किया है, जहां मीटर लगेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 9:12 PM

संवाददाता, सीवान. जिले में बिजली चोरी की निगरानी के लिये डीटी मीटर (डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर मीटर) लगेगा. मीटर की विशेषता बिजली की आपूर्ति व खपत पर निगरानी रखना है. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड प्रथम चरण में जिला स्तर पर ऐसे 250 ट्रांसफॉर्मर को चयन किया है, जहां मीटर लगेगा. इससे प्रत्येक ट्रांसफॉर्मर से जुड़े कनेक्शन, बिजली खपत व आपूर्ति का सहजता से पता चल जायेगा. इससे कंपनी को बिजली चोरी में कार्रवाई करने में आसानी होगी. खपत और बिलिंग के आधार पर ही इलाके को चिह्नित कर छापेमारी की जायेगी. जायेगा. जिला में उपभोक्ताओं की संख्या पांच लाख से अधिक है. जहां प्रत्येक माह करोड़ो रूपये की बिजली की खपत उपभोक्ता करते हैं. बताया जाता है कि डीटी मीटर से उपभोक्ताओं के घरों में हो रही बिजली की खपत पर भी नजर रखी जा सकेगी. इससे यह आकलन हो सकेगा कि जितनी खपत हो रही है, उतनी बिलिंग हो रही है या नहीं. इधर विद्युत कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार रमण ने बताया कि जिला स्तर पर 250 ऐसे बड़े ट्रांसफॉर्मर को चिन्हित किया गया है, जहां से सबसे अधिक बिजली की खपत होती है. डीटी मीटर की सहायता से संबंधित इलाके के जनरेट होने वाले बिल और डाटा का मिलान होगा. मीटर लगने के बाद फीडर वार बिजली चोरी पकड़ने में विभाग को आसानी होगी. जिस ट्रांसफॉर्मर के डाटा में अंतर मिलेगा उस इलाके में कनीय विद्युत अभियंता छापेमारी करेंगे. कंपनी के साथ उपभोक्ता को भी फायदा- विद्युत कार्यपालक अभियंता ने बताया कि लगातार छापेमारी और कार्रवाई के बाद भी बिजली चोरी हो जाती है. डीटी मीटर लग जाने से कंपनी के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. लाइन लॉस कम होगा और अघोषित बिजली कट से मुक्ति मिलेगी. बिजली चोरों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा. बिजली चोरी व लाइन लॉस की होगी जानकारी- डीटी मीटर लगने से बिजली चोरी व लाइन लॉस दोनों की जानकारी विभाग को मिलेगी. ट्रांसफॉर्मर पर लगे डीटी मीटर की जांच करने पर अधिकारियों को पता चल जाएगा कि ट्रांसफॉर्मर ने फीडर से कितनी सप्लाई प्राप्त की. ट्रांसफॉर्मर से जुड़े वैध कनेक्शन में कितनी खपत हुई. अवैध कनेक्शनों के रूप में कितनी बिजली चोरी हुई. डीटी मीटर से ट्रांसफॉर्मर कितना ओवरलोड चल रहा है, इसकी भी जानकारी मिलेगी. इससे ट्रांसफॉर्मर का मेंटेनेंस भी आसान होगा. मैग्नेटिक चिप के जरिये होती है रीडिंग बता दें कि डीटी मीटर में एक पावर मैग्नेटिक चिप होता है. इसी चिप के जरिए रीडिंग होती है. इसमें खास सेंसर लगा होता है. जिसे खास तरीके से प्रोग्राम किया गया है. सेंसर कंज्यूमर नंबर के आधार पर घर व प्रतिष्ठान में हो रही बिजली खपत की जानकारी एकत्रित कर कमांड सेंटर तक पहुंचा देता है.

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