सीवान लोकसभा: बूथ नहीं तो वोट नहीं को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन, एनडीए प्रत्याशी के समझाने पर भी नहीं माने
सीवान लोकसभा सीट पर शनिवार को छठे चरण में मतदान होना है. वहीं उससे पहले बिन टोली गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया हैं. इस गांव में 700 मतदाता हैं
सीवान लोकसभा क्षेत्र के सदर प्रखंड के बलेथा पंचायत स्थित बिन टोली गांव के लोगों ने बूथ नहीं तो वोट नहीं को लेकर शुक्रवार को जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. शुक्रवार की सुबह बलेथा बीन टोली गांव स्थित सामुदायिक भवन के समीप सैकड़ों से अधिक महिला पुरुष का जमा हो गये और बूथ नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाने लगे. तकरीबन एक घंटे तक जमकर जिला प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया.
लोगों का कहना था कि हमारे गांव में सामुदायिक भवन होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में बूथ नहीं बनाया गया है. इस गांव के लोगों के मतदान करने के लिए बूथ यहां से साढ़े चार किलोमीटर दूर कुर्मीहाता गांव में बनाया गया है. जहां लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होगी. ग्रामीणों का कहना था कि साढ़े चार किलोमीटर दूर महिला कैसे जायेगी. यदि रास्ते में किसी प्रकार की परेशानी हो जाती हो तो उसका जिम्मेवार कौन होगा.
टेंट और कुर्सी आया, फिर वापस लौटा
आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि गुरुवार की संध्या जिला प्रशासन द्वारा सामुदायिक भवन पर कुर्सी, टेंट सहित अन्य सामग्री भेजी गयी थी. लेकिन कुछ ही देर बाद पुनः टेंट संचालक उसे उठाकर लेकर चले गए. जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट उठा.
विधान सभा और पंचायत चुनाव में बना था बूथ
ग्रामीणों ने बताया कि बीन टोली गांव में तकरीबन 700 वोटर हैं. पिछले विधान सभा चुनाव और पंचायत चुनाव में बीन टोली गांव स्थित सामुदायिक भवन में मतदान केंद्र बनाया गया था. जिसमें लोगों ने बढ़ चढ़ कर मतदान किया. लेकिन लोक सभा चुनाव 2024 में बूथ को यहां से हटाकर साढ़े चार किलोमीटर दूर कुर्मीहाता गांव में कर दिया गया. जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होगी और ग्रामीणों ने वोट नहीं करने का ऐलान किया है.
सूचना पर पहुंची एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी
इधर बीन टोली गांव में आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा वोट नहीं करने को लेकर प्रदर्शन की सूचना किसी ने एनडीए प्रत्याशी विजय लक्ष्मी देवी को दिया. जिसके बाद विजय लक्ष्मी देवी बीन टोली गांव पहुंची और ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण समझने को तैयार नहीं थे. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक जिला अधिकारी बीन टोली गांव में नहीं आते हैं और इसका समाधान नहीं करते हैं तब तक हम लोग मतदान नहीं करेंगे.
इनपुट- सीवान से अरविंद कुमार सिंह
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