राशि नहीं लौटाने वाली समितियों पर विभागीय कार्रवाई
दी सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने कैश क्रेडिट राशि लेने के बाद नहीं लौटाने वाली चार समितियों के तत्कालीन अध्यक्ष पर अवार्ड दायर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन लोगों ने किसानों से गेहूं और धान खरीद के लिए बैंक से सीसी की 29 लाख 18 हजार 324.54 रुपये की राशि लेने के बाद आज तक वापस नहीं किया.
दी सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने कैश क्रेडिट राशि लेने के बाद नहीं लौटाने वाली चार समितियों के तत्कालीन अध्यक्ष पर अवार्ड दायर की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन लोगों ने किसानों से गेहूं और धान खरीद के लिए बैंक से सीसी की 29 लाख 18 हजार 324.54 रुपये की राशि लेने के बाद आज तक वापस नहीं किया. इसके बाद इन सभी पर अब तक ब्याज की राशि 38 लाख 45 हजार 358 रुपये बढ़ गयी है, जिससे कुल राशि 67 लाख 63 हजार 682 रुपये हो गयी है. राशि जमा नहीं होने पर बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में 29 फरवरी को कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था. बैंक प्रबंध निदेशक सैयद मसरूक आलम ने निबंधक सहयोग समितियां बिहार पटना को अवार्ड की कार्रवाई करने को लेकर पत्र लिखा है. सभी अवार्ड की कार्रवाई निबंधक सहयोग समितियां के न्यायालय से की जानी है. गुठनी प्रखंड के गुठनी व्यापार मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष राजेश प्रसाद ने किसानों से गेहूं खरीद के लिए अधिप्राप्ति वर्ष 2018-19 में 4 लाख 67 हजार 771.32 रुपये कैश क्रेडिट के रूप में लिया था. राशि लेने के बाद अब तक जमा नहीं की है. राशि जमा नहीं होने के बाद ब्याज की राशि 3 लाख 24 हजार 835 रुपये भी बढ़ गयी है, जिससे समिति पर कुल बकाया राशि 7 लाख 92 हजार 606.32 रुपये हो गयी है. दरौली प्रखंड की डरैली मठिया पैक्स पर भी बैंक की राशि बढ़कर 16 लाख 93 हजार 961.70 रुपये हो गयी है. वर्ष 2017-18 में किसानों से धान खरीदने के लिए समिति के तत्कालीन अध्यक्ष रविंद्र यादव ने 6 लाख 4 हजार 63.70 रुपये लिया था. राशि नहीं जमा करने के कारण ब्याज के रूप में 10 लाख 89 हजार 98 रुपया बढ़ गया है. सिसवन प्रखंड की घुरघाट पैक्स पर भी कार्रवाई शुरू हो गयी है. तत्कालीन अध्यक्ष ने वर्ष 2014-15 में धान खरीद के लिए 9 लाख 98 हजार 294 रुपये सीसी के रूप में बैंक से लिया था. अब तक राशि को वापस नहीं किया गया है. ब्याज के रूप में 16 लाख 32 हजार 863 रुपये हो गया है. कुल राशि 26 लाख 31 हजार 157 रुपये हो गयी है. साथ ही रघुनाथपुर प्रखंड की पंजवार पैक्स में भी वित्तीय वर्ष 2017-18 में सीसी की राशि धान खरीद के लिए प्राप्त की गयी थी. तत्कालीन अध्यक्ष राकेश सिंह ने राशि लेने के बाद आज तक जमा नहीं किया. कुल 8 लाख 47 हजार 395.52 रुपये सीसी के रूप में लिया गया था. यहां पर पैक्स पर 7 लाख 98 हजार 562.18 ब्याज के रूप में बढ़ गया है, जिससे कुल राशि 16 लाख 45 हजार 957.70 रुपये हो गयी है. जिले में अतिरिक्त व्यवसाय के नाम राशि लेने वाली समितियों पर भी कार्रवाई होगी. ऐसी समितियां राशि लेने के बाद बैंक को वापस नहीं कर रही हैं. अब भी 34 पैक्स के पास बैंक का करीब 3 करोड़ 90 लाख रुपये फंसा हुआ है. गत दिन बिहार राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार सिंह ने समीक्षात्मक बैठक के दौरान निर्देश दिया है कि ऐसी समितियाें पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ सर्टिफिकेट केस की कार्रवाई शुरू की जाये. पहले बैंक की तरफ से राशि जमा करने को लेकर ऐसी समितियों को नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उसके बाद भी समय पर राशि नहीं जमा की गयी है.
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