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सीवान न्यू. भूमि के अभाव में नगर पंचायत की एक दर्जन योजनाएं लंबित

योजनाओं के लिए गुठनी नपं ने कई बार किया पत्राचार, पर अंचल से नहीं मिली जमीन

गुठनी. भूमि के अभाव में नगर पंचायत की एक दर्जन महत्वपूर्ण योजनाएं लंबित पड़ी हैं. इससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 35 हजार जनसंख्या वाली गुठनी नगर पंचायत में पंद्रह वार्ड हैं. ऐसे में नगर पंचायत में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. संसाधन के नाम पर दूसरे विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है. नवगठित गुठनी नगर पंचायत की सामान्य बैठक तीन जुलाई को हुई थी, जिसमें दस योजनाओं को पारित किया गया था. इन्हें धरातल पर लाने के लिए नगर पंचायत के अधिकारियों ने सरकारी भूमि उपलब्ध कराने के लिए पांच बार अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन अंचल कार्यालय से भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई. इस कारण करोड़ों रुपए की योजनाएं लंबित पड़ी हैं. कई योजनाओं को लेकर स्थानीय विधायक सत्यदेव राम द्वारा सदन में प्रश्न भी उठाया गया था. वरीय अधिकारी से भी भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश मिला है. बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है. नगर पंचायत गुठनी ने सब्जी मंडी निर्माण, सम्राट अशोक भवन निर्माण, सार्वजनिक शौचालय निर्माण, बस स्टेंड निर्माण, टेंपो स्टैंड निर्माण, कचरा अपशिष्ट निर्माण, ओपन जिम निर्माण, पार्क निर्माण, आरटीपीएस काउंटर निर्माण, सोखता निर्माण जैसी योजनाओं के लिए कई बार पत्र लिखा गया. लेकिन, किसी भी योजना के लिए अब तक जमीन नहीं मिली है. लोगों का कहना है कि गुठनी में सब्जी मंडी, बस स्टैंड, टेम्पो स्टैंड, प्रशासनिक भवन, कचरा अपशिष्ट प्रबंधन पर काम शुरू नहीं होने से परेशानियों का सामना कराना पड़ रहा है. गुठनी को नगर पंचायत बने दो वर्ष बीत गये, लेकिन उसका अपना प्रशासनिक भवन नहीं है. महज दो कमरे में नगर पंचायत कार्यालय चल रहा है. बस स्टैंड नहीं होने के कारण गुठनी चौराहा पर वाहन खड़े होते हैं. मामले में गुठनी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि अंचल कार्यालय को कई बार पत्र निर्गत किया गया है. जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण विकास कार्य बाधित है. अंचल कार्यालय में लगभग पांच बार पत्र लिखा गया है. लेकिन किसी भी योजना के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. सीओ डॉ विकास कुमार ने बताया कि कुछ योजनाओं के लिए जमीन चिन्हित किया गया है. नगर पंचायत अधिकारी व अंचल कार्यालय के संयुक्त रूप से सत्यापन के बाद ही जमीन का चयन किया जाएगा. फोटो.25. नगर पंचायत कार्यालय गुठनी संवाददाता, गुठनी भूमि के अभाव में नगर पंचायत की एक दर्जन महत्वपूर्ण योजनाएं लंबित पड़ी हैं. इससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 35 हजार जनसंख्या वाली गुठनी नगर पंचायत में पंद्रह वार्ड हैं. ऐसे में नगर पंचायत में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. संसाधन के नाम पर दूसरे विभाग पर निर्भर रहना पड़ता है. नवगठित गुठनी नगर पंचायत की सामान्य बैठक तीन जुलाई को हुई थी, जिसमें दस योजनाओं को पारित किया गया था. इन्हें धरातल पर लाने के लिए नगर पंचायत के अधिकारियों ने सरकारी भूमि उपलब्ध कराने के लिए पांच बार अंचलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमि उपलब्ध कराने की मांग की, लेकिन अंचल कार्यालय से भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई. इस कारण करोड़ों रुपए की योजनाएं लंबित पड़ी हैं. कई योजनाओं को लेकर स्थानीय विधायक सत्यदेव राम द्वारा सदन में प्रश्न भी उठाया गया था. वरीय अधिकारी से भी भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश मिला है. बावजूद कार्रवाई नहीं हुई है. नगर पंचायत गुठनी ने सब्जी मंडी निर्माण, सम्राट अशोक भवन निर्माण, सार्वजनिक शौचालय निर्माण, बस स्टेंड निर्माण, टेंपो स्टैंड निर्माण, कचरा अपशिष्ट निर्माण, ओपन जिम निर्माण, पार्क निर्माण, आरटीपीएस काउंटर निर्माण, सोखता निर्माण जैसी योजनाओं के लिए कई बार पत्र लिखा गया. लेकिन, किसी भी योजना के लिए अब तक जमीन नहीं मिली है. लोगों का कहना है कि गुठनी में सब्जी मंडी, बस स्टैंड, टेम्पो स्टैंड, प्रशासनिक भवन, कचरा अपशिष्ट प्रबंधन पर काम शुरू नहीं होने से परेशानियों का सामना कराना पड़ रहा है. गुठनी को नगर पंचायत बने दो वर्ष बीत गये, लेकिन उसका अपना प्रशासनिक भवन नहीं है. महज दो कमरे में नगर पंचायत कार्यालय चल रहा है. बस स्टैंड नहीं होने के कारण गुठनी चौराहा पर वाहन खड़े होते हैं. मामले में गुठनी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि अंचल कार्यालय को कई बार पत्र निर्गत किया गया है. जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण विकास कार्य बाधित है. अंचल कार्यालय में लगभग पांच बार पत्र लिखा गया है. लेकिन किसी भी योजना के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. ——————— क्या कहते हैं सीओ सीओ डॉ विकास कुमार ने बताया कि कुछ योजनाओं के लिए जमीन चिन्हित किया गया है. नगर पंचायत अधिकारी व अंचल कार्यालय के संयुक्त रूप से सत्यापन के बाद ही जमीन का चयन किया जाएगा.

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