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धान बेचने में किसानों ने नहीं दिखायी दिलचस्पी

धान खरीद को लेकर अधिकारियों के तमाम कोशिश के बाद भी तय लक्ष्य को हासिल करने के आसार अब नहीं दिख रहे हैं.खरीद के लिए तय की गयी समय सीमा के समाप्त होने में अब शेष छह दिन रह गये हैं.इस बीच अभी भी लक्ष्य से जिला 27.14 प्रतिशत पीछे है.लक्ष्य हासिल करने के लिये सहकारिता विभाग को शेष अवधि में 27 हजार 887 टन धान की खरीद करनी होगी

संवाददाता,सीवान.धान खरीद को लेकर अधिकारियों के तमाम कोशिश के बाद भी तय लक्ष्य को हासिल करने के आसार अब नहीं दिख रहे हैं.खरीद के लिए तय की गयी समय सीमा के समाप्त होने में अब शेष छह दिन रह गये हैं.इस बीच अभी भी लक्ष्य से जिला 27.14 प्रतिशत पीछे है.लक्ष्य हासिल करने के लिये सहकारिता विभाग को शेष अवधि में 27 हजार 887 टन धान की खरीद करनी होगी,जिसे हासिल कर पाना अब संभव नहीं दिख रहा है. किसानों की सरकारी दर पर धान की खरीद कर उन्हें लाभकारी मूल्य दिलाने की कोशिश को झटका लगा है.लक्ष्य को पूरा करने के लिये तकरीबन साढ़े तीन माह तक विभागीय महकमा के अलावा के जिले बड़े प्रशासनिक अफसर तक लगे रहे.इस बीच क्रय केंद्रों की लापरवाही सामने आने पर विभागीय कार्रवाई तक की जाती रही.इसके बाद भी लक्ष्य के आंकड़ों तक पहुंचने में विभाग पिछड़ते नजर आ रहा है. धान बेचने में आधे किसानों ने नहीं ली हिस्सेदारी धान बेचने के पूर्व सभी किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य रहता है.इस बार विभाग के पोर्टल पर 21 हजार 861 किसानों ने पंजीकरण कराया.जिसमें 16 हजार 416 रैयत तथा 5 हजार 445 बंटाइदार रहे. संख्या में देखें तो क्रय केंद्रों पर अब तक 10 हजार 789 किसानों ने अपने धान को बेचने में दिलचस्पी दिखलायी है.ऐसे में पंजीकरण कराने के बाद भी आधे किसानों के अपना धान नहीं बेचा है. 1.02 लाख टन लक्ष्य की जगह अब तक 74.87 टन की हुई खरीद सरकार द्वारा जिले में धान खरीद का लक्ष्य 1 लाख 2 हजार 760 टन का रखा गया है.जिसके लिये 258 क्रय केंद्र बनाये गये हैं. अब तक 74 हजार 873 टन की ही खरीद हुई है.जबकि पिछले वर्ष 60 हजार टन लक्ष्य की जगह 43हजार 712 टन धन की खरीद हुयी थी. बेचने में 7 हजार 839 किसानों ने हिस्सा लिया था.ऐसे में लक्ष्य का पिछले वर्ष 72.85 प्रतिशत खरीद हुई थी. एसएफसी को मिले अब तक 7 हजार 917 टन चावल धान खरीद के बाद क्रय केंद्रों को मिलों के माध्यम से चावल एसएफसी को आपूर्ति करना है.अब तक स्थिति यह है कि 7 हजार 917 टन ही चावल की एसएफसी को आपूर्ति हो सकी है.जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों के तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है.

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