गुठनी/पचरुखी : सूबे में कोरोना संक्रमण के मामले में सीवान तथा अन्य तीन जिलों के साथ हॉट- स्पॉट होने के बाद जिले के अधिकारी संक्रमण रोकने के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं. जिले के प्रशासनिक अधिकारी हो या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सभी अपनी-अपनी ढपली के साथ अपना-अपना राग अलापने में लगे हैं. सभी पदाधिकारियों में सामंजस्य नहीं होने के कारण कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अपनी जांच कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही आरोप पचरुखी प्रखंड के सुरवाला पंचायत के नरहट गांव एक व्यक्ति ने सीएमओ बिहार तथा पीएमओ इंडिया के ट्विटर एकाउंट पर ट्वीट कर अपना तथा अपनी पत्नी का कोरोना जांच कराने का अनुरोध किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि आवेदक जिले के कोरोना पॉजिटिव केस के प्रखंड क्षेत्र का है. बावजूद उसको बार- बार बिना जांच लौटा दिया गया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने जिलाधिकारी सीवान को मामले को देखने का निर्देश दिया है. पचरुखी प्रखंड के के सुरवला पंचायत के नरहट गांव निवासी ने मंगलवार को पिंटू कुमार सिंह के ट्वीटर एकाउंट से पीएम, सीएम व स्वास्थ्य विभाग को ट्वीट कर बताया है कि वह अपनी पत्नी के साथ पांच मार्च को को मुंबई से अपने गांव आया है. इस दौरान दंपती के स्वास्थ्य में परिवर्तन आया और सर्दी जुकाम तथा बदन दर्द की शिकायत आयी. वह अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल गया और सारा विवरण बताया. अस्पताल से गोलियां और सिरप दिया गया. इसके बाद सर्दी-खांसी की समस्या हल हो गया. 15 दिनों के बाद 21 मार्च को महिला को सर्दी, जुकाम तथा बदन दर्द के साथ बुखार आया. इसके बाद उसने अपने गांव के एक ग्रामीण डॉक्टर से दवा लिया.
लेकिन पांच दिनों बाद भी राहत नहीं मिली ने ग्रामीण डॉक्टर ने पुन: इंजेक्शन व दवा दिया. फिर परेशानी दुर नहीं हुयी तो वह व्यक्ति अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा और सभी विवरण बताया तो वहां से टेबलेट मिला. लेकिन जब आराम नहीं मिला तो पुन: वह सदर अस्पताल गया तथा डॉक्टर से शिकायत की. उसने सदर अस्पताल के डॉक्टर से अपनी पत्नी का कोरोना जांच कराने का अनुरोध कर पत्र लिखा. सीवान सदर के डॉक्टर ने दंपती को डीएवी पब्लिक स्कूल भेजा गया और वहां जाकर जांच करवाने की बात कही गयी. जब वह व्यक्ति डीएवी पब्लिक स्कूल स्थित कोरोना संग्रहण केंद्र पहुंचा तो वहां मौजूद चिकित्सक ने बिना जिलाधिकारी के आदेश का जांच करने से इन्कार कर दिया. ग्रामीणों के सुझाव पर गांव के मुखिया से सहयोग मांगा तो उन्होंने प्रखंड को सूचित किया तो एक चिकित्सक आये मगर फिर भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. स्वास्थ सचिव ने ट्विटर पर मिली शिकायत पर डीएम सीवान को सूचित करते हुए इस मामले को निबटाने की बात कही गयी है तथा इसकी जानकारी आवेदक को भी दी है. आवेदक ने दूरभाष पर प्रभात खबर को बताया कि जिला प्रशासन से फोन आया था और जांच के लिए बुलाया गया है.