सिवान में DRI ने पकड़े करोड़ों के एशियाई हाथी दांत, चार तस्करों को किया गिरफ्तार
DRI की टीम ने वन्यजीव और उनके अंगों की तस्करी करने वाले एक गिरोह के सरगना सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 5.5 किलों के हाथी दांत मिले हैं. जिनकी कीमत 5.5 करोड़ बताई जाती है.
Bihar News: राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की पटना क्षेत्रीय इकाई (आरयू) को बड़ी सफलता मिली है. डीआरआई की टीम ने एशियाई हाथी दांत की तस्करी में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 5.5 किलो से अधिक वजन के दो हाथी दांत भी बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में तस्करों का सरगना भी शामिल है. टीम ने यह गिरफ्तारी सिवान से की है.
अधिकारियों और तस्करों के बीच हुई थी भिडंत
डीआरआई की पटना आरयू को सूचना मिली थी कि सीवान के आसपास के इलाकों में हाथी दांत तस्करों का एक गिरोह सक्रिय है. इस सूचना के आधार पर डीआरआई ने गिरोह को पकड़ने के लिए सीवान के बाहरी इलाकों में अभियान शुरू किया. कुख्यात हाथी दांत तस्कर गिरोह को निशाना बनाने के लिए चलाए गए इस अभियान के दौरान डीआरआई की टीम और तस्करों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें डीआरआई के अधिकारी घायल भी हुए, लेकिन इसके बाद भी वे चार तस्करों को गिरफ्तार करने में सफल रहे.
5.5 किलोग्राम से अधिक वजन वाले हाथी दांत के दो टुकड़े जब्त
इस अभियान में 5.5 किलोग्राम से अधिक वजन वाले एशियाई हाथी दांत के दो टुकड़े जब्त किए गए. ये हाथी दांत लुप्तप्राय एशियाई हाथी (एलिफस मैक्सिमस) का था, जिसका बाजार मूल्य बहुत अधिक है. इस अवैध मांग के कारण, कड़े वैश्विक और घरेलू प्रतिबंधों के बावजूद हाथी दांत की तस्करी जारी है. डीआरआई का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से हाथी तस्करी में लिप्त था.
हाथी दांत के व्यापार पर है प्रतिबंध
हाथी दांत की तस्करी वन्य जीवों के लिए एक बड़ा खतरा है. लेकिन हाथी दांतों की बढ़ती मांगों के कारण हाथियों का शिकार कर इसकी तस्करी की जाती है. डीआरआई की इस कारवाई में हाथी दांत की जब्ती वन्यजीव अपराध के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत हाथी दांत का व्यापार प्रतिबंधित है.
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