कोरोना के बीच 4.25 लाख छात्रों को अगले कक्ष में प्रोन्नति

सीवान : वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 से शिक्षा विभाग भी अछूता नहीं है. सबसे अधिक परेशानी छात्र छात्राओं को हो रही है. पहले ठंड का कहर, फिर हड़ताल और अब कोरोना ने पठन-पाठन को पूरी तरह स्थगित कर दिया है. मौजूदा समय वार्षिक परीक्षा का था. ऐसे में कोरोना महामारी के बीच सरकार को […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2020 3:10 AM

सीवान : वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 से शिक्षा विभाग भी अछूता नहीं है. सबसे अधिक परेशानी छात्र छात्राओं को हो रही है. पहले ठंड का कहर, फिर हड़ताल और अब कोरोना ने पठन-पाठन को पूरी तरह स्थगित कर दिया है. मौजूदा समय वार्षिक परीक्षा का था. ऐसे में कोरोना महामारी के बीच सरकार को बिना वार्षिक परीक्षा आयोजित किये ही छात्रों को अगले कक्षा में प्रमोट करने का निर्णय लेना पड़ा है. सरकार के इस निर्णय के अधीन जिले के तकरीबन चार लाख 25 हजार से अधिक छात्रों को अगले वर्ग में प्रोन्नति कर दिया गया है.

यह आंकड़ा सिर्फ सरकारी शिक्षण संस्थानों का है. इसमें निजी स्कूलों का आंकड़ा शामिल नहीं है. शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज की माने, तो इस निर्णय पर सक्षम प्राधिकार का आदेश प्राप्त हो गया है. मामले में उन्होंने निदेशक, प्राथमिक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, सभी जिला पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पूर्व में सूचना भी दे चुके है. इस आदेश से वर्ग एक से नौ व वर्ग 11 वीं छात्रों को लाभ होगा, जबकि वर्ग दशव व 12 वीं के छात्र पूर्व में ही बोर्ड परीक्षा में शामिल हो चुके है. विभाग की बातों पर गौर करें तो इससे जिले के 4 लाख 25 हजार से अधिक छात्रों को लाभ पहुंचा है. जबकि छात्रों का कुल नामांकन 5 लाख 24 हजार से अधिक है. इसमें में तकरीबन 95 हजार छात्र दशवीं व 12 वीं के है.

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