महाराजगंज (सीवान). महाराजगंज नगर पंचायत और प्रखंड क्षेत्र में विद्युत कर्मी बिना सेफ्टी किट के जान जोखिम में डालकर फॉल्ट ठीक करने का काम करते हैं. जानकारी हो कि बिजली कर्मियों को विभाग अथवा एजेंसी द्वारा न तो हेलमेट मिलता है और न ही बेल्ट. विभागीय लापरवाही की वजह से महाराजगंज प्रखंड में एक विद्युत कर्मी की अब तक मौत हो चुकी है. जबकि, प्रखंड क्षेत्र में भी करेंट के झटके से गंभीर होकर जख्मी होने के कई मामले सामने आये हैं. महाराजगंज नगर पंचायत के साथ-साथ प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत विद्युत कर्मियों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. दिन हो या रात जान जोखिम में डालकर ये लोग काम करते हैं. सेफ्टी किट का यहां पर घोर अभाव रहता है. ऐसे में यहां काम कर रहे विद्युत कर्मियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. बिना सुरक्षा उपकरण के ही लाइनमैन पोल पर चढ़कर फॉल्ट ठीक करते हैं. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में विद्युत अनुरक्षण का कार्य करने वाले आउटसोर्सिंग व संविदा कर्मियों को सेफ्टी किट देने का प्रावधान है. सेफ्टी किट में दस्ताने, प्लेयर, सुरक्षा बेल्ट आदि देना होता है, ताकि पोल पर चढ़कर उन्हें लाइन ठीक करने में किसी प्रकार का जोखिम न हो. सामग्री खरीद की जिम्मेदारी भी विभाग अथवा कंपनी की होती है, लेकिन पिछले कई वर्षों से विद्युत कर्मियों को सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं करायी गयी है. ऐसे में इन विद्युत कर्मियों के लिए न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही कोई समाजसेवी ही आवाज उठाता है. जबकि, बिजली गुल होने की स्थिति में सभी मौसम में ये विद्युत कर्मी एक सिपाही की तरह पूरी मुस्तैदी से अपने कार्य में जुटे रहते हैं. मालूम हो कि 2015 में एक विद्युत कर्मी की मौत दरौंदा प्रखंड के धनौता गांव में करेंट से हो गयी थी. वह ट्रांसफॉर्मर पर चढ़कर तार जोड़ रहा था. इसी बीच विद्युत करंट से उक्त युवक की मौत हो गयी थी. इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में तपते लोहे और धूप से सीमेंट के गर्म पोल के साथ-साथ गर्मी से पिघलता हुआ विद्युत तार को दिन-रात पूरी दोपहरी में विद्युत कर्मी बड़ी मुश्किल से ठीक करते हैं. इस बीच बिजली गुल हो जाने पर सैकड़ों लोगों के निरंतर फोन आने शुरू हो जाते हैं, जिन्हें जवाब देना भी इनकी जिम्मेदारी रहती है. 40 से 43 डिग्री के तापमान पर अपनी जान जोखिम में डालकर बड़ी मुश्किल से विद्युत कर्मी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं. मालूम हो कि नगर पंचायत और प्रखंड क्षेत्र को मिलाकर 10 संविदा कर्मी महाराजगंज सेक्शन में कार्यरत हैं, जिनमें महाराजगंज बाजार के लिए चार एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए छह लाइनमैन कार्यरत हैं. इन्हीं के जिम्मे पूरे नगर व प्रखंड क्षेत्र के विद्युत फॉल्ट को ठीक करने की जिम्मेदारी है. महाराजगंज सब स्टेशन में दो संविदा कर्मी के अलावा एक रात्रि प्रहरी कार्य करते हैं. इन लाइनमैन को एजेंसी से प्रतिमाह महज 8960 रुपये मानदेय के रूप में दिया जाता है. जबकि, सब-स्टेशन में कार्यरत ऑपरेटर को 11340 रुपये मानदेय के रूप में दिया जाता है. विद्युत कर्मियों को 18 प्रकार के सुरक्षा उपकरण दिये जाने का प्रावधान है. इसमें हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, अर्थ चेन, कटिंग प्लायर, ग्लब्स, सीढ़ी, रस्सा, चैन पुली ब्लॉक, फर्स्ट ऐड बॉक्स, टेस्टर, स्पेनर सेट, वर्दी, आइडी कार्ड, शूज, टॉर्च, स्क्रू ड्राइवर, अर्थ रॉड और रेन कोट शामिल हैं. लाइन में कार्य करते वक्त बिजली कर्मचारी, मिस्त्री के पास सुरक्षा उपकरण होना जरूरी है. इनमें दोनों हाथों में पहनने के लिए नायलॉन के लांग ग्लव्स, बूट, हेलमेट कैप, टेस्टर, टॉर्च, झूला, सीढ़ी और सूती कपड़े का होना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही पोल या ऊंचाई पर काम करते वक्त सेफ्टी बेल्ट लगाना भी बहुत जरूरी है. लेकिन कार्य के दौरान ऐसे सुरक्षा उपकरणों का अभाव दिखता है. इस मामले में महाराजगंज विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार पंडित ने बताया कि सुरक्षा किट उपलब्ध कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है. विभाग के निर्देश मिलने के बाद सभी लाइनमैनों को सुरक्षा किट मुहैया करा दिया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है