महाराजगंज में गर्मी के चलते 20 मेगावाट बिजली की खपत
मौसम का पारा चढ़ने के साथ ही आम अवाम की बिजली पर निर्भरता बढ़ गयी है. इसकी वजह से बिजली की खपत में बड़ा इजाफा हुआ है. सामान्य दिनों में 12-14 मेगावाट तक रहने वाली बिजली खपत अप्रैल महीने में ही बढ़ कर 20 मेगावाट तक पहुंच गयी है.
जिले में मौसम का पारा चढ़ने के साथ ही आम-अवाम की बिजली पर निर्भरता बढ़ गयी है. इसकी वजह से बिजली की खपत में बड़ा इजाफा हुआ है. सामान्य दिनों में 12-14 मेगावाट तक रहने वाली बिजली खपत अप्रैल महीने में ही बढ़ कर 20 मेगावाट तक पहुंच गयी है. बिजली विभाग के जेई आशीष रंजन ने बताया इसे और भी आगे जाने की संभावना है. महाराजगंज शहर फीडर में 15 मेगावाट और रिसौरा ग्रामीण पीएसएस में पांच मेगावाट बिजली की खपत है. इस खपत देखते हुए बिजली कंपनी ने आगे की तैयारी शुरू कर दी है. विभागीय सूत्रों की मानें तो 40 मेगावाट तक लोड बढ़ने की स्थिति में भी निर्बाध रूप से बिजली देने की तैयारी की गयी है. जेइ आशीष रंजन ने बताया कि पिछले 10 दिनों में बिजली की खपत में काफी बढ़ोतरी हुई है. पहले दोपहर के समय जहां 12-14 मेगावाट तक बिजली की खपत होती थी, वहीं अब 20 मेगावाट तक खपत पहुंच गयी है. वहीं शाम से लेकर रात के समय तक बिजली की खपत 21-22 मेगावाट तक पहुंच गयी है. क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी व हिट वेब से राहत के लिए लोग बड़े पैमाने पर घरों व दुकानों में पंखा, कुलर, एसी, फ्रीज, मोटर आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन उपकरणों के इस्तेमाल से लोड बढ़ रहा है. गर्मी के दिनों में पानी का इस्तेमाल भी बढ़ा है. जेइ का कहना है कि हम लोगों का प्रयास है कि जितनी बिजली महाराजगंज, रिसौरा ग्रामीण फीडर को मिले उसे पूर्णरूप से बहाल रखा जाये जिससे उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाइ संबंधित शिकायत शून्य पर रहे. इसके लिए क्षेत्र में मानव बल को भी सजग होकर काम करने का निर्देश दिया गया है.
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