सीवान को डिमांड से 20 मेगावाट कम मिल रही बिजली
जिले में गर्मी एक बार फिर चरम पर है. तापमान 43 डिग्री को टच कर लिया है. ऐसे में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है. दूसरी ओर उपभोक्ताओं को कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है. जिले में पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बिजली की आपूर्ति करता है. मौजूदा समय में पिक ऑवर में बिजली की डिमांड 125 मेगावाट से बढ़ कर 170 मेगावाट पहुंच जा रही है.
गर्मी एक बार फिर चरम पर है. तापमान 43 डिग्री को टच कर लिया है. ऐसे में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है. दूसरी ओर उपभोक्ताओं को कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है. जिले में पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बिजली की आपूर्ति करता है. मौजूदा समय में पिक ऑवर में बिजली की डिमांड 125 मेगावाट से बढ़ कर 170 मेगावाट पहुंच जा रही है. ऐसे में जिले के कई हिस्से में उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जबकि विभाग का दावा है कि 150 मेगावाट तक बिजली प्राप्त हो रही है और जिले के किसी भी हिस्से में उपभोक्ता लोड शेडिंग का सामना नहीं कर रहे हैं. विभाग का कहना है कि ओवर लोड के चलते कुछ फीडरों में समस्या उत्पन्न हो रही है और केबल जल जा रहा है, जिसे समय रहते ठीक कर दिया जा रहा है. जिले में ग्रिड की संख्या तीन है, जिनमें सीवान, रघुनाथपुर व मलमलिया ग्रिड शामिल हैं. सीवान ग्रिड की पिक डिमांड जहां 90 मेगावाट तक पहुंच गयी है, वहीं रघुनाथपुर की 40 व मलमलिया ग्रिड की पिक डिमांड 30 मेगावाट चली गयी है. शहरी क्षेत्र के महावीरपुरम मुहल्ले के उपभोक्ता अरविंद सिंह, मुकेश कुमार, रामानंद शर्मा आदि ने बताया कि शाम से तीन से चार घंटे बिजली की कटौती हो रही है. ऐसे में शाम व रात के वक्त बिजली कटौती से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों, मरीज व बुजुर्ग को हो रहा है. सीवान शहर की बात करें, तो यहां 100 व 200 केवीए के कुल 400 से अधिक ट्रांसफाॅर्मर लगाये गये हैं. शहरी क्षेत्र के सहायक विद्युत अभियंता शिवशंकर सिंह ने बताया कि शहरी क्षेत्र में लगाये गये सभी ट्रांसफाॅर्मर अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य कर रहे हैं. बावजूद इसके कई मुहल्ले के उपभोक्ता बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की कुल संख्या तकरीबन 44000 के करीब है. वहीं शहरी क्षेत्र में केवल 35 से 40 मेगावाट बिजली की जरूरत है. ठंड के मौसम की बात करें तो यह खपत तकरीबन आधी रह जाती है. सहायक अभियंता का दावा है कि शहर में 22 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति निर्बाध जारी है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार रमण ने बताया कि जिले में तार, पोल, ट्रांसफॉर्मर व पावर हाउस की स्थिति काफी अच्छी है. वैसे क्षेत्र जहां जर्जर तार है, वहां बदले जा रहे हैं. आने वाले बारिश के मौसम को देखते हुए तार के ऊपर से गुजरने वाले पेड़ों की डालियों की छटाई का काम जारी है. साथ ही गर्मी पूर्व पावर स्टेशन से लेकर ग्रिड का मेंटेनेंस किया जा चुका है.
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