27 दिन बाद भी एक छंटाक गेहूं खरीद नहीं, राज्य सरकार ने गेहूं खरीदारी के लिए 15 मार्च से तिथि निर्धारित की थी
बाजार में मिल रहे अधिक मूल्य से किसानों ने पैक्स व व्यापार मंडल से बनायी दूरी, निर्धारित तिथि के 27 दिन बाद भी जिले में चयनित समितियों द्वारा अबतक एक छटांक गेंहू की खरीद नहीं की जा सकी है.
सीवान. निर्धारित तिथि के 27 दिन बाद भी जिले में चयनित समितियों द्वारा अबतक एक छटांक गेंहू की खरीद नहीं की जा सकी है. गेहूं खरीदारी के लिये राज्य सरकार ने 15 मार्च से तिथि निर्धारित की थी और खरीद के लिये 15 समितियों का चयन किया गया है. साथ ही सरकार की उदासीनता ऐसी की गेहूं खरीदने के लिये पैक्सों को समय पर सीसी की राशि भी नहीं मिली है. इधर किसानों द्वारा गेहूं की कटनी भी धीरे-धीरे शुरू कर दी गयी है. गेहूं की कटनी के साथ ही बिचौलियां खेतों में पहुंचकर किसानों से गेहूं खरीद कर ले रहे है. साथ ही बाजार में किसानों को सरकार से तय राशि से अधिक मूल्य भी मिल जा रहा है. उन्हें किसी भी तरह का अधिक राशि खर्च नहीं करना पड़ रहा है. ऐसे में गेहूं खरीद के लक्ष्य को पूरा करना चुनौती होगी. पिछले वर्ष भी इक्के दुक्के किसान ने गेहूं चयनित समितियों से बेचा था. वहीं दूसरी ओर भारतीय खाद्य निगम ने अपना क्रय केंद्र चालू कर रखा है. जहां पर किसानों से गेहूं की खरीद चल रही है. एफसीआइ की तरफ से तीन क्रय केंद्र चालू किया जा रहा है. दरौंदा प्रखंड के कोल्हुआ में क्रय खुल गया है. जिला सहकारिता विभाग की तरफ से अभी तक जिला स्तर पर गेहूं खरीदने के लिये 17 समितियों का चयन किया गया है. साथ ही 120 से अधिक समितियों को चयन को लेकर जिला सहकारिता विभाग ने जिला टास्क फोर्स की बैठक में सूची उपलब्ध करा दी है. बतातें चले कि पिछले साल निर्धारित समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2125 रुपये था. जिसे बढ़ाकर 2275 रुपये कर दिया गया है.हालांकि यह दर भी नाकाफी है. क्योंकि बाजार में अब इससे अधिक मूल्य मिल रहा है. ऐसे किसान सरकार को गेहूं नहीं देकर बाजार में ही बेच दे रहे है. जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार ने बताया कि गेहूं खरीदने के लिये समितियों का चयन किया गया है. लेकिन किसान अभी गेहूं बेचने के लिये समितियों के पास नहीं पहुंच रहे है. किसानों से अपील की जा रही है कि किसान गेहूं बेचने से पूर्व रजिस्ट्रेशन करा ले. 2275 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं का रखा गया है. उन्होंने बताया कि गेहूं खरीदने के बाद किसानों के खाते में राशि भेज दी जायेगी. किसानों के बीच प्रचार-प्रसार करने को लेकर भी निर्देश दिया गया है.