सीवान. एक साल पहले मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भटवलिया में डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई थी. स्थापना के दिन से ही असामाजिक तत्वों ने मूर्ति का विरोध करना शुरू किया और बाद में प्रतिमा खंडित कर दी. इतना ही नहीं मूर्ति पर स्याही और कालिख भी पोत दी. पीड़ित पक्ष ने प्रशासनिक पदाधिकारियों को इस मामले में आवेदन दिया, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं हो सकी. मामला तत्कालीन मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी आरएस भट्टी तक भी पहुंचा. अब घटना के एक साल बाद पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी है.
एससी एसटी एक्ट में भी दर्ज हुआ मामला : इस मामले को लेकर राजकुमार गौतम उर्फ पप्पू चमार बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से भी मिले. अब घटना को बीते हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है तब जाकर इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई है. भटवलिया निवासी राजकुमार गौतम ने अपने आवेदन में 23 नामजद लोगों के साथ-साथ अन्य अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज करने का आवेदन दिया है. पुलिस ने कानून की सुसंगत धाराओं के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया है.
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