सीवान: पहले प्रकृति की मार और अब कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की स्थिति से किसानों के समक्ष संकट पैदा कर दिया है. अर्थात कोरोना किसानों के खेती का जायका बिगाड़ रहा है. किसानों के खेतों में गेहूं की फसल कटनी के लिए तैयार हो चुकी है. लॉकडाउन के चलते मजदूर नहीं मिल रहे है. मजदूरों की अनुपलब्धता से जिले के किसान चिंतित है. क्योंकि पिछले कई साल से मौसम किसानों के साथ जुआ खेल रही है. अतिवृष्टि व अनावृष्टि के चलते धान की फसल बर्बाद हो गयी.
मौसम बरसात से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ. उसके कटनी व भंडारण पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है. आलम यह है कि लॉकडाउन के कारण न तो हार्वेस्टर आने को तैयार है और न मजदूर मिल रहे हैं. किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं उनकी पकी हुई फसल खेत में ही न रह जाये. किसानों की चिंता इसलिए भी वाजिब दिखती है, क्योंकि समय-समय पर मौसम का मिजाज बिगड़ जा रहा है.अनुमति के लिए अभी किसानों का आवेदन नहींकोरोना के वैश्विक महामारी को देखते हुए जहां विभाग ने दूसरे प्रदेशों से आने वाली कंबाइन मशीनों के लिए अनुमति लेने की बात कही है, वहीं अभी तक इसके लिए किसी किसान ने आवेदन नहीं दिया है. विभाग की माने तो कई किसान केवल फोनिक पूछताछ कर रहे है.
हालांकि सरकार कृषि सेक्टर को खासकर किसानों को कोई नुकसान नहीं हो इसका पूरा ख्याल रख रही है. बतातें चलें कि गेहूं काटने के उपयोग में आने वाली अधिकतर कंबाइन मशीने पंजाब व हरियाणा से आती है. वे महीनों यहां आकर गेहूं काटने का काम करती है. माना जाता है कि कंबाइन मशीने वहां के काम करने वाले लोग अच्छी तरीके से हेंडिल कर पाते है. इधर कुछ दिन बाद गेहूं की कटनी व दौनी का काम शुरू होगा. ऐसे में इन प्रदेशों से आने वाली मशीनों के संचालन के लिए विभागीय स्तर पर निर्देश लेना जरूरी होगा. वहीं दूसरी ओर यदि यहां के किसान भी पंजाब व हरियाणा से कंबाइन ऑपरेटरों को बुलाते है तो उन्हें डीएम से परमिशन लेनी होगी. इसके लिए उन्हें विभागीय स्तर पर आवेदन देना होगा. अनुमोदन के लिए डीएम को भेजी गयी है फाइलकिसानों के अनुमति देने संबंधी फाइल अनुमोदन के लिए डीएम के पास भेज दी गयी है. जैसे ही अनुमोदन प्राप्त होगा, आवेदित किसानों को अनुमति देने का काम शुरू कर दिया जायेगा. अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी स्तर से प्रदान किया जायेगा.
अनुमति के लिए किसानों को आवेदन के साथ कोई पहचानपत्र, मशीन का कागजात साथ में संलग्न करने के बाद मुखिया से अग्रसारित कराना होगा. जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार राव की माने तो किसानों को गेहूं की कटनी में असुविधा नहीं होगी. माना जा रहा है कि जिले में छोटे व सीमांत किसानों की अधिकता है. बड़े किसान बहुत ही कम है. गेहूं काटने के लिए मजदूरों की अनुमति नहीं लेनी है.किसानों ने सुनाई अपनी व्यथाहाल ही में हुई बारिश व ओला से गेहूं की फसल बर्बाद हुई. प्रकृति की मार से जो फसल बची है. वह कटनी के लिए तैयार हो गयी है. कोरोना का संकट किसानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया है. मजदूर नहीं मिल रहे है. शासन को पहल करनी चाहिए.केदार नाथ गिरीगांव के मजदूर बहुत अधिक रेट मांगते हैं. इलाके में पर्याप्त संख्या में मजदूर भी नहीं मिल पाते. हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई आसानी से हो जाती है. मौसम यदि खराब हो गयी, तो सारी पूंजी खेत में ही रह जायेगी.चेतन सिंहगेहूं की कटाई का समय आ गया है.
कोरोना संक्रमण के भय के डर से खेतों में मजदूर कम आ रहे हैं. इससे परेशानी बढ़ गयी है. मजदूरों को बुलाने में भी डर लगता है. समय पर फसलों की कटाई नहीं हुई तो काफी परेशानी होगी. कोरोना के कारण समस्याएं बढ़ गयी हैं.रामनरेश द्विवेदीवर्जन-हार्वेस्टर संचालन की अनुमति के लिए किसी किसान ने आवेदन नहीं किया है. जैसे ही आवेदन प्राप्त होगा, अनुमति प्रदान कर दी जायेगी. किसानों के हित को सरकार विशेष ध्यान रख रही है. गेहूं की कटाई के दौरान मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए किसानों से अपील की गयी है.अशोक कुमार राव, डीएओ, सीवान