​​गोल्डेन पासवान हत्याकांड: सरकारी शिक्षक रहे कुख्यात जितेंद्र ने मारी थी गोली, दो गिरफ्तार

सीवान पुलिस ने कोर्ट कर्मी गोल्डेन पासवान की हत्या का मामला सुलझा लिया है. पुलिस ने शूटर के साथी और लाइनर को गिरफ्तार कर लिया है. गोल्डेन को कुख्यात जितेंद्र ने गोली मारी थी. जितेंद्र यादव सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में आया था.

By Anand Shekhar | August 12, 2024 7:09 PM
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सीवान के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सीवान मीरगंज मुख्य मार्ग पर चोटपुर गांव के पास 19 जून को हुई कोर्ट कर्मी राजेश कुमार उर्फ ​​गोल्डेन पासवान हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने बताया कि हुसैनगंज थाने के पकवलिया गांव निवासी कुख्यात अपराधी जितेंद्र यादव उर्फ ​​जिम्मी उर्फ ​​मास्टर ने पैसों के लिए गोल्डेन की हत्या की थी. जितेंद्र यादव सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में उतरा था. पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल एक लाइनर समेत दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

ये हुए गिरफ्तार

पुलिस ने लाइनर सौरभ का मोबाइल भी बरामद कर लिया है, जिससे उसने गोल्डेन के अमलोरी सरसर स्थित बीएड कॉलेज से निकलने की सूचना दी थी. गिरफ्तार अपराधियों में हुसैनगंज थाने के पकवलिया गांव निवासी धर्मेंद्र यादव का पुत्र सौरभ कुमार उर्फ ​​कल्लू और मुफस्सिल थाने के श्रीनगर निवासी अनिल कुमार शामिल हैं.

19 जून को हुई थी हत्या

अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने बताया कि 19 जून को छोटपुर गांव के पास कोर्ट कर्मी गोल्डेन उर्फ ​​राकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक के भाई अजय कुमार ने मुफस्सिल थाने में तीन नामजद व अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद मामले की जांच शुरू की गई और सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर एक संदिग्ध व्यक्ति की तस्वीर प्रकाश में आई. उसकी पहचान के लिए 280 लोगों से सत्यापन व पूछताछ की गई. जिसमें हुसैनगंज थाना क्षेत्र के पकवलिया गांव निवासी सौरभ कुमार उर्फ ​​कल्लू की पहचान हुई.

सौरभ ने उगले थे साथियों के नाम

अजय कुमार सिंह ने बताया कि घटना के समय सौरभ कुमार बिना किसी कारण के बीएड कॉलेज अमलोरी के सामने सड़क पर खड़ा था और जैसे ही गोल्डेन अपनी बहन को छोड़कर वापस घर जाने लगा तो उसने तुरंत अपने मोबाइल से किसी और को कॉल किया और वहां से चला गया. पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए अपने साथियों के नाम उगले. जिसके बाद सभी की गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.

जितेंद्र ने मारी गोली

पूछताछ के दौरान अनिल ने इस अपराध में अपनी भूमिका स्वीकार करते हुए बताया कि वह जितेंद्र उर्फ ​​जिम्मी द्वारा दी गई बुलेट बाइक चला रहा था और जिम्मी उसके पीछे बैठा था. जिम्मी ने राकेश उर्फ ​​गोल्डेन की गोली मारकर हत्या कर दी.

मुन्ना चौधरी ने दी थी सुपारी

अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अनिल ने बताया कि जिम्मी ने बातचीत के दौरान अनिल को बताया था कि मुन्ना चौधरी नामक ठेकेदार ने उसे इस काम के लिए पैसे दिए हैं. उन्होंने बताया कि जितेंद्र यादव उर्फ ​​जिम्मी एक पेशेवर अपराधी है, जिसका काम करने का तरीका नए-नए अपराधियों को अपने साथ रखकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देना है. जिम्मी के खिलाफ मुफस्सिल थाने में गंभीर धाराओं में दो मामले पहले से दर्ज हैं.

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