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प्रमुख की कुर्सी को ले मुकाबला चतुष्कोणीय होने की उम्मीद

पचरुखी : एक तरफ जहां सूबे में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है. वहीं इसके पहले पचरुखी में प्रमुख की कुर्सी को लेकर सियासत गरमा गयी है. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शनिवार को हुई सदन की बैठक में तत्कालीन प्रमुख शहनाज खातून द्वारा पराजय स्वीकार करने के बाद, एक बार फिर प्रमुख की कुर्सी को लेकर सदस्यों में जंग छिड़ गया है.

पचरुखी : एक तरफ जहां सूबे में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है. वहीं इसके पहले पचरुखी में प्रमुख की कुर्सी को लेकर सियासत गरमा गयी है. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शनिवार को हुई सदन की बैठक में तत्कालीन प्रमुख शहनाज खातून द्वारा पराजय स्वीकार करने के बाद, एक बार फिर प्रमुख की कुर्सी को लेकर सदस्यों में जंग छिड़ गया है.

शहनाज खातून को अपदस्थ करने के लिए जहां आधे से अधिक सदस्यों में एकजुटता दिखी, वहीं एक बार प्रमुख की कुर्सी को लेकर यह एकता चार गुटों में बंटती नजर आ रही है. ऐसे में अधिकतर सदस्यों का मानना है कि प्रमुख को लेकर तत्कालीन प्रमुख शहनाज खातून व पूर्व प्रमुख नसीमा खातून के अलावा अन्य दो सदस्य भी दावेदारी पेश कर सकती हैं. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर शनिवार को हुई सदन की बैठक में तत्कालीन प्रमुख शहनाज खातून समेत 11 सदस्यों ने हिस्सा ही नहीं लिया था. जबकि निर्धारित समय पर पूर्व प्रमुख व सदन की सदस्य नसीमा खातून तथा उप प्रमुख ओम प्रकाश मिश्र सहित 13 सदस्य उपस्थित थे.

जिसके बाद प्रमुख सहित अन्य सदस्यों के उपस्थित नहीं होने पर बीडीओ ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करते हुए रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी. ऐसे में शहनाज खातून की कुर्सी छिन जाने के बाद अब नये सिरे से चुनाव को लेकर गोलबंदी शुरू हो गयी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 10 दिनों के अंदर प्रमुख पद के लिए मतदान कराये जा सकते हैं. पिछड़ा महिला सीट के लिए आरक्षित पद को लेकर तत्कालीन प्रमुख शहनाज खातून व पूर्व प्रमुख नसीमा खातून की तरफ से दावेदारी पेश करना तय माना जा रहा है. गणितीय आंकड़ों के तहत नसीमा का दावा है कि उसके साथ 12 सदस्य हैं, जो उनके पक्ष में मतदान करेंगे. उधर अन्य सदस्यों के तत्कालीन प्रमुख शाहनाज खातून के साथ खड़े होने की बात उनके समर्थक कह रहे हैं.

वहीं तस्वीर यह भी है कि शहनाज को कुर्सी से हटाने के लिए सदस्यों में भले ही एकजुटता रही हो, लेकिन एक बार फिर प्रमुख कुर्सी पर कब्जे को लेकर एकता खंडित दिख रही है. सवाल इसलिए उठ रहा है कि बीडीसी सदस्य शोभा देवी व जयमाला देवी भी प्रमुख के लिए दावेदारी पेश कर सकती हैं. दोनों लोग अपने-अपने तरीके से जीत की गणित बता रहे हैं. संघर्ष की वास्तविक तस्वीर अधिकृत रूप से चुनाव की घोषणा के बाद ही सामने आ पायेगी.

posted by ashish jha

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