Siwan News : शरीयत के तहत संगठित करने के उद्देश्य से काम कर रहा इमारत-ए-शरिया : रहमानी
Siwan News : इमारत-ए-शरिया का प्रतिनिधि सम्मेलन शहर की तुलसी वाटिका के परिसर में आयोजित किया गया. इसमें बिहार के अलावा झारखंड और ओडिशा के मुस्लिम धर्मगुरु और विद्वानों ने शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमीर-ए-शरीयत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी साहब ने की.
सीवान. इमारत-ए-शरिया का प्रतिनिधि सम्मेलन शहर की तुलसी वाटिका के परिसर में आयोजित किया गया. इसमें बिहार के अलावा झारखंड और ओडिशा के मुस्लिम धर्मगुरु और विद्वानों ने शिरकत की. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमीर-ए-शरीयत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी साहब ने की. इनके अलावा भी इमारत-ए-शरिया के जिम्मेदार शामिल हुए. मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी ने अपनी तकरीर में कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सूद का लेन-देन, नशाखोरी, दहेज, शिक्षा और सामाजिक कुरीतियां को लेकर जागरूक करना है. इमारत-ए-शरिया मुसलमानों को कलमे की बुनियाद पर और शरीयत के तहत संगठित और अनुशासित करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह संगठन मुसलमानों को एकजुट करने के लिए कार्य कर रहा है. समाज में ऐसा माहौल कायम करना है, जिससे लोगों का ध्यान धर्म की ओर केंद्रित हो. साथ ही मुसलमानों को पारिवारिक हकों व सामाजिक कर्तव्यों की जानकारी देना और धर्म का रास्ता अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो. संगठन के माध्यम से आधुनिक शिक्षा से वंचित रहने वाले मुस्लिम लोगों को शिक्षा के लिए कार्य किये जा रहे हैं. इस मौके पर इमारत सरिया के सचिव मौलाना शिबली अल कासमी, कार्यक्रम का संचालन कर रहे सहायक सचिव मुफ्ती सोहराब नदवी, अहमद हुसैन मदनी ने कहा कि कि इमारत-ए-शरिया इस समय राष्ट्रीय और सामुदायिक मुद्दों के समाधान के लिए जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और समुदाय के कार्यों को व्यावहारिक रूप देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम हर जिले में आयोजित कर रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से इमारत-ए-शरिया के प्रचारक सीवान, गोपालगंज और सारण जिलों के गांव-गांव जाकर लोगों को संगठन की मजबूती और व्यावहारिक जागरूकता के लिए इस सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दे रहे हैं. आज आवश्यकता है कि सभी मजबूती के साथ एक जुट होकर रहें. मेहमानों का स्वागत मदरसा सिराजुल उलूम के मुफ्ती महफुजुर्रहमान कासमी, हाफिज जुबैर असीम आदि ने किया. उपस्थित आम लोगों में राशिद शिबली, इंजीनियर ऐनल हक, मास्टर शहीद, हबीबुल्लाह खान, फजल बाबू, मौलाना तनवीर नदवी, मौलाना जहरुद्दीन, मौलाना वसीम, जलालुद्दीन अहमद नाइस, मौलाना वली उल्लाह, कसरुल इस्लाम, मौलाना मोईज आदि ने अपने-अपने विचार रखे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है