जल जमाव से शहर की स्थिति बदहाल,लोग परेशान
तीन दिनों से हो रही जोरदार बारिश से शहर की सड़कों पानी जमा हो गया है.बारिश का पानी घरों में भी घुस गया है. हथिया नक्षत्र के जोरदार बारिश ने शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी.
संवाददाता,सीवान. तीन दिनों से हो रही जोरदार बारिश से शहर की सड़कों पानी जमा हो गया है.बारिश का पानी घरों में भी घुस गया है. हथिया नक्षत्र के जोरदार बारिश ने शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी. शहर के विभिन्न सड़कों पर भी दो फुट से अधिक पानी जमा हो गया.अस्पताल मोड़ से बबुनिया मोड़ तक वाहनों के चलने में परेशानी हो रही थी. जहां घुटनों तक पानी बह रहा था. मोटरसाइकिल के चक्के पानी में डूबे पड़े थे. शहर के इलाकों में जलभराव होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर के गांधी मैदान रोड, गांधी मैदान, नई बस्ती महादेवा, पकड़ी मोड़, श्रीनगर, अस्पताल रोड, राजेंद्र स्टेडियम रोड, शांति वटवृक्ष मोड़, आदर्श नगर,इस्लामिया नगर, लक्ष्मीपुर,मौलेश्वरी चौक, रामनगर, आनंद नगर, चमड़ा मंडी,श्रीराम नगर,टेलहट्टा,मखदूम सराय, पंचमंदिरा सहित अन्य मोहल्लों में नगर प्रशासन की ओर जल निकासी के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया .ऐसे में कुछ घंटों की झमाझम बारिश से जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई . जलभराव होने के बाद लोगों में नगर प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है. उधर ग्रामीण क्षेत्रों में इस बारिश से किसानों के चेहरे खील गये . इस मुसलाधार बारिश से सबसे ज्यादा फायदा खेतों में लगे धान के फसलों को हुआ. बारिश ने मानों उनमें एक नई जान डाल दी. शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.तापमान में गिरावट की बात करें तो बीते तीन दिनों में अधिकतम तापमान में आठ डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. धान उत्पाद किसानों के खिले चेहरे गत तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद धान उत्पादक किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. किसानों ने कहा कि बीते कुछ दिन पूर्व तक तेज धूप के कारण धान के खेतों में दरार फट रही थी. इसके कारण पटवन करने की स्थिति उत्पन्न हो रही थी लेकिन तीन दिनों से हो रही बारिश से फसल के लिए यह वरदान साबित हुई है. बारिश शुरु होते बिजली हुई गुल बारिश होने के बाद शहर की बिजली सप्लाई के लड़खड़ाने का सिलसिला जारी है.गुरुवार से बारिश शुरू होते ही कई इलाकों की बिजली गुल हो गई. बारिश के रुकने के बाद इसको सुचारू किया जा सका. हालांकि बाद में भी ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या बनी रही. जिससे लोगों को काफी दिक्कत रही.
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