जिले में हुई 96.87 फीसदी धान की रोपनी

अगस्त में मानसून सक्रिय हो गया है. थोड़े ही सही प्रतिदिन बारिश हो रही है. जिसके चलते खरीफ फसल को नया जीवन मिला है. वहीं धान की रोपनी की रफ्तार में भी बढ़ी है. अगर मानसून ऐसे ही मेहरबान रहा तो कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार धान सहित अन्य खरीफ की फसलों का आच्छादन हो जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 9:24 PM

सीवान. अगस्त में मानसून सक्रिय हो गया है. थोड़े ही सही प्रतिदिन बारिश हो रही है. जिसके चलते खरीफ फसल को नया जीवन मिला है. वहीं धान की रोपनी की रफ्तार में भी बढ़ी है. अगर मानसून ऐसे ही मेहरबान रहा तो कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार धान सहित अन्य खरीफ की फसलों का आच्छादन हो जाएगा. अगस्त माह के शुरू होते ही बीच बीच में हो रही बारिश ने अब रफ्तार पकड़ ली है. बारिश ने धान की रोपनी करने के लिए व्याकुल किसानों को काफी राहत दी है.किसानों को बारिश का साथ मिलने से धान की रोपनी में तेजी आ गई है. जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लक्ष्य के विरुद्ध करीब 96.99 फीसदी खरीफ फसल का आच्छादन हो गया है. अगर तीन-चार दिनों तक और मौसम का साथ किसानों को मिला, तो धान की रोपनी का आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा. किसानों ने बताया कि धान के बिचड़े तैयार हो गए थे, लेकिन खेतों में पानी नहीं रहने के कारण धान की रोपनी में तेजी नहीं आ रही थी.जून व जुलाई माह में बारिश पर्याप्त मात्रा में नही हुई. थोड़े बहुत किसानों ने मोटर पंप की सहायता से रोपनी की थी. धान की फसल को मिली संजीवनी जो किसान अपने संसाधनों से धान रोपनी कर चके थे, वे बारिश नहीं होने से चिंतित थे. बारिश न होने की वजह से धान की फसल को नियमित रुप से सिंचाई नहीं हो पा रही थी. किसान बच्चा गिरी सहित अन्य लोगों ने बताया कि उमस के कारण फसल पर अन्य मौसमी रोग प्रभावी हो रहे थे, उससे भी अब निजात मिल जाएगी. पिछले जून व जुलाई माह में पड़ रही तीखी धूप और उमस भरी गर्मी के कारण आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ था.अब मानसून के सक्रिय होन से राहत मिली है.हालांकि अभी भी 28.45 फीसदी कम बारिश हुई है. लक्ष्य से पिछड़ गयी थी खेती जून व जुलाई में मानसून के निष्क्रिय रहने के चलते जिले की खेती लक्ष्य से पिछड़ गयी थी.किसान सूखा पड़ने की आशंका से चिंतित हो उठे थे. इधर अगस्त माह में मानसून सक्रिय हुआ. जिससे धान रोपनी की रफ्तार बढ़ी.जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक धान की खेती का लक्ष्य एक लाख 47 हजार 269 हेक्टेयर का है. बारिश कम होने की वजह से लक्ष्य का 96.87 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है. अभी तक 97 हजार 139 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपनी हुई है.वही खरीफ फसल के एक लाख 24 हजार 495 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध एक लाख 20 हजार 746 हेक्टेयर में खेती हुई है. कृषि विभाग का भरोषा है कि मानसून की सक्रियता से धान की रोपनी को रफ्तार मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि लक्ष्य के अनुसार धान की रोपनी होगी. क्या कहते है जिम्मेवार मानसून की सक्रिय होने के चलते धान की रोपनी में तेजी आयी है. अगर यही स्थिति रही तो शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को यथाशीघ्र हासिल हो जाएगा. साथ ही अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है. आलोक कुमार, डीएओ, सीवान

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